आर्थिक मंदी क्या है ? आर्थिक मंदी के लक्षण ? मंदी से निकलने के उपाय ?
जब किसी देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के बजाय कमी या नाकारात्मक वृद्धि होने लगती है तो इसे ही आर्थिक मंदी या इकोनामिक रिसेशन कहते हैं।
दूसरे शब्दों में, जब किसी देश की जीडीपी में लगातार 6 महीने यानी दो तिमाही तक कमी होती है तो इसे ही आर्थिक मंदी कहते हैं।
कारक :- आर्थिक मंदी को मापने के दौरान आमतौर पर 5 कारकों पर बात की जाती है।
(i) वास्तविक जीडीपी,
(ii) आय,
(iii) रोज़गार,
(iv) विनिर्माण और
(v) खुदरा बिक्री को शामिल किया जाता है।
आर्थिक मंदी के प्रमुख लक्षण :-
• आर्थिक गतिविधियों के कमजोर होने के चलते मांग में सामान्य कमी।
• मुद्रास्फीति का कम रहना और आने वाले समय में और नीचे जाने का संकेत।
• रोजगार की दर का घटना और बेरोजगारी दर का बढ़ना।
• कारोबार जारी रखने के लिए उत्पादकों द्वारा कामगारों की छटनी।
मंदी से निकलने के सामान्य उपाय-
• प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में कटौती करना, ताकि उपभोगताओं के पास खर्च करने के लिए अधिक धन हो।
• ब्याज दरों में कटौती किया जा सकता है जिससे लोगो को सस्ते लोन/ऋण उपलब्ध होंगें और वे अधिक निवेश करेंगे।
• उत्पादन के क्षेत्र में छूट/प्रोत्साहन से भी अधिक निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
• उपभोक्ताओं के उपभोग खर्च को बढ़ाने के लिए सरकार वेतन में संशोधन का सहारा भी ले सकती है।