Class 2 short moral stories in hindi with pictures: आज हम कक्षा 2 के बच्चों को कुछ नैतिक कहानियों के बारे में बात करेंगे।
शायद आपने इन कहानियों को अपने बचपन में सुना होगा। इन कहानियों का मकसद न केवल बच्चों को मनोरंजन प्रदान करना है, बल्कि उन्हें नैतिक मूल्यों की समझ और उन्हें अपने जीवन में उनका उपयोग करने की क्षमता देना भी है।ये हिंदी कहानियाँ आपको अच्छी शिक्षा देंगी और आपके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होंगी। चलिए जानते हैं,
1.अंगूर खट्टे है (Hindi Moral Stories For Class 2)

एक दिन एक भूखी लोमड़ी अंगूर के बगीचे में पहुंची। वहां बेलों पर पके हुए अंगूर थे,
जिन्हें वह देखकर बहुत खुश हुई। लोमड़ी ने चाहा कि वह उन अंगूरों को प्राप्त करें।
लेकिन वे ऊँची बेलों पर थे और उन्हें पाने के लिए वह बहुत कोशिश की। वह बहुत उछली
और प्रयास किया, लेकिन उसे अंगूरों तक पहुंचने में सफलता नहीं मिली।
जब तक लोमड़ी पूरी तरह थक नहीं गई, वह उछलती रही। अंत में उसने उम्मीद छोड़ दी
और वहां से चली गई। जाते-जाते उसने कहा, “अंगूर खट्टे होते हैं। ऐसे खट्टे अंगूर कौन खाता है?”
शिक्षा – हार मानने का कोई बुराई नहीं होती।
2.मूर्खता का फल (Hindi Stories For Class 2)

एक आदमी था जो लकड़ी के लट्ठे को चीर रहा था। उसे उस लट्ठे को दो टुकड़ों में बाँटना था। एक पेड़ पर एक बंदर बैठा हुआ था और वह आदमी का काम ध्यान से देख रहा था।
दोपहर के खाने के लिए आदमी ने काम बंद कर दिया। लट्ठे का सिर्फ़ आधा हिस्सा चीर चुका था, इसलिए वह लट्ठे के चिरे में एक मोटी गुल्ली फँसा दी। फिर आदमी खाना खाने चला गया। आदमी चले जाने के बाद बंदर पेड़ से उतरकर नीचे आया। वह गुल्ली पर ध्यान से नजर रख रहा था।
बंदर गुल्ली के पास गया और उसे उत्सुकता से देखने लगा। वह अपने दोनों पाँव लट्ठे के चिरे में लटकाकर उस पर बैठ गया। उसकी लंबी पूँछ गुल्ली के चिरे में लटक रही थी। बंदर ने गुल्ली को हिलाने की कोशिश की, बहुत उत्सुकता से हिलाने लगा।
अंत में वह जोर से गुल्ली को खींच निकाली। जैसे ही गुल्ली निकली, लट्ठे के दोनों चिरे हिस्से आपस में चिपक गए। बंदर की पूँछ गुल्ली में फंस गई और वह दर्द से चिल्लाने लगा। उसे आदमी का डर भी था। बंदर ने पूँछ निकालने के लिए कोशिश की, लेकिन उसकी पूँछ टूट गई। अब वह बिना पूँछ रह गया।
शिक्षा – अनजानी चीजो से छेड़छाड़ करना खतरनाक होता है।
3.साहूकार का बटुआ (Class 2 Short Moral Stories in Hindi)

एक गांव में एक साहूकार रहता था। एक दिन उसका बटुआ खो गया। साहूकार ने घोषणा की कि जो भी उसका बटुआ लौटाएगा, उसे सौ रूपये का इनाम मिलेगा।
बटुआ एक गरीब किसान के पास चला गया। उसमें एक हजार रूपये थे। गरीब किसान ने साहूकार के पास जाकर बटुआ लौटा दिया।साहूकार ने बटुआ खोलकर पैसे गिने। वहां पूरे एक हजार रूपये थे।
अब साहूकार किसान को इनाम के सौ रूपये देने से इनकार करने लगा। वह कहने लगा, “तू तो बहुत चालाक निकला! तूने पहले ही इनाम की राशि निकाल ली है!” इससे किसान बहुत गुस्सा हुआ।
किसान ने साहूकार से पूछा, “सेठजी, आप क्या कह रहे हैं?” साहूकार ने कहा, “मैं क्या कह रहा हूँ, तू अच्छी तरह जानता है। इस बटुए में ग्यारह सौ रूपये थे। पर अब इसमें सिर्फ़ एक हजार रूपये ही हैं। तो यह तो मतलब हुआ कि तूने पहले ही इनाम के सौ रूपये निकाल लिए हैं।”
किसान ने कहा, “मैंने तो आपके बटुए से एक रुपया भी नहीं निकाला। चलिए, हम सरपंच के पास चलते हैं, वहीं फैसला होगा।” वे दोनों सरपंच के पास गए। सरपंच ने उनकी सुनी। उसे जल्दी समझ आ गया कि साहूकार बेईमानी कर रहा है।
सरपंच ने साहूकार से पूछा, “क्या आपको पूरा यकीन है कि बटुआ में ग्यारह सौ रूपये थे?” साहूकार ने कहा, “हाँ, मुझे पूरा यकीन है।” सरपंच ने कहा, “तो फिर यह बटुआ आपका नहीं है।” और सरपंच ने बटुआ गरीब किसान को दे दिया।
शिक्षा -झूठ बोलने का भारी दंड भुगतना पड़ता है।
4.लालची कुत्ता (Moral Stories in Hindi)

एक बार एक कुत्ते को एक हड्डी का टुकड़ा मिला। वह उसे मुंह में रखकर एक कोने में बैठ गया।
थोड़ी देर तक उसने हड्डी को चूसा और फिर सो गया। जब वह जागा,तो उसे प्यास लगी। वह अपनी हड्डी को दबाकर पानी की खोज में नदी की ओर चल पड़ा।
नदी के किनारे पहुंचकर पानी पीने के लिए वह झुका,तो उसे पानी में अपनी ही छाया दिखाई दी। वह समझा कि नदी में दूसरा कुत्ता है,
जिसके मुंह में भी हड्डी का टुकड़ा है। उसके मन में यह ख़्याल आया कि वह दूसरे कुत्ते से हड्डी को छीन सकता है।
गुस्से में आकर जब भोंकने के लिए मुंह खोला, तो उसकी हड्डी का टुकड़ा नदी में गिर गया। लालच में उसने अपनी ही हड्डी भी गंवा दी।
शिक्षा– लालच का फल बुरा होता है।
5.बंदर और मगरमच्छ (Moral Stories in Hindi)

एक बंदर और एक मगरमच्छ आपस में दोस्त थे।मगरमच्छ की माँ को बंदर का हृदय बहुत स्वादिष्ट लगता था।
उसने मगरमच्छ से कहा कि वह उसके लिए बंदर का हृदय लाए।मगरमच्छ ने बंदर से कहा, “उस टापू के फल पक गए हैं। मैं तुम्हें वहाँ ले चलता हूँ। बंदर के मुँह में पानी आने लगा।वह उछलकर मगरमच्छ की पीठ पर बैठ गया।दोनों टापू की ओर चल पड़े।
रास्ते में मगरमच्छ ने बताया, “मेरी माँ तुम्हारा हृदय खाना चाहती है और मैं तुम्हें उसके पास ही लिए जा रहा हूँ।” बंदर चुपचाप सोचने लगा।
कुछ देर बाद वह बोला, “अरे, लेकिन मैं तो अपना हृदय पेड़ पर ही छोड़ आया हूँ। तुम्हें मेरा हृदय चाहिए तो मुझे वापस वहीं ले चलो।” चतुर बंदर ने बात बनाई।
मूर्ख मगरमच्छ बंदर को वापस नदी के तट पर ले आया। जैसे ही वे तट के पास पहुँचे, बंदर उछलकर पेड़ पर चढ़ गया और उसकी जान बच गई।
शिक्षा– हमें संकट के समय मत घबराना चाहिए। जब मुसीबत आए, तब हमें अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल
करना चाहिए और उसे दूर करने के लिए उपाय सोचना चाहिए।
6.लोमड़ी और सारस (Hindi Stories For Class 2)

एक जंगल में, एक लोमड़ी और एक सारस अच्छे दोस्त थे। सारस रोजाना तालाब से मछली पकड़कर खाने के लिए लोमड़ी को देता था। एक दिन, लोमड़ी ने एक चालाकी सोची और सारस को सूप खिलाने के लिए बुलाया।।
लोमड़ी ने मजाक करते हुए थाली में सूप परोसा। सारस ने अपनी लंबी चोंच से सूप पीने की कोशिश की, लेकिन उसे सिर्फ सोचने को मिला। वहीं लोमड़ी अपनी जीभ से सूप चाटते रही। सारस भूखा होकर घर लौट गया।
कुछ दिनों बाद सारस ने लोमड़ी को खाने के लिए अपने घर बुलाया। सारस ने छोटी मुंहवाली सुराही में खाना परोसा। लोमड़ी ने इस बार बहुत कोशिश की और थोड़ा खाना पाया। सारस ने पूछा, “क्या हुआ दोस्त? मैंने तुम्हारी पसंद का खाना बनाया है।”
सारस ने अपनी लंबी चोंच से सभी खाना चटकाया। लोमड़ी ने अपनी गलती समझी और शर्मिंदा होकर अपने घर वापस चली गई।
नैतिक शिक्षा: जैसा करोगे वैसा भरोगे।
7.टोपीवाला और बंदर (Class 2 Hindi Moral Stories)

एक बार दो छोटे गांव थे, जो एक जंगल से अलग थे। जंगल में बहुत सारे बंदर रहते थे। एक दिन एक टोपीवाला जंगल से टोपियाँ बेचने के लिए आया।
वह थक गया था और अपनी संदूक को एक पेड़ के नीचे रख दिया। वहाँ बैठकर वह आराम करने लगा। थोड़ी देर बाद, जब वह उठा तो उसे हैरानी हुई। संदूक
खुली हुई थी और सभी टोपियाँ गायब थीं। उसने ऊपर देखा तो पेड़ पर बंदर थे, जो सभी टोपियाँ पहने हुए थे। टोपीवाले को बहुत गुस्सा आया।
उसने पत्थर उठाकर बंदरों को मारना शुरू किया। बंदर ने उसकी नकल की और फल टोड़कर उसकी ओर फेंकना शुरू किया। टोपीवाले को अब समझ में आया कि वह टोपियाँ कैसे वापस पा सकता है। वह जल्दी-जल्दी अपनी टोपी उतारकर जमीन पर फेंक दी।
देखते ही बंदरों ने अपनी टोपियाँ उतारकर फेंकना शुरू कर दिया। टोपीवाले ने जल्दी से टोपियाँ संदूक में इकट्ठा की और खुशी-खुशी दूसरे गांव की ओर चला गया।
नैतिक शिक्षा:- हमेशा सूझबूझ के साथ काम करने से हम कठिनाइयों से आसानी से पार पा सकते हैं।
8.शेर और चूहे (Class 2 Hindi Moral Stories)

एक बार एक शेर अपनी गुफा में सो रहा था। तभी एक चूहा कहीं से आकर शेर के ऊपर कूदने लगा। जिससे
शेर की नींद टूट गयी । शेर को चूहे पर इतनी जोर से गुस्सा आया कि उसने उसे अपने पंजों में जकड़ लिया और
उसे मारने का सोचने लगा। चूहा बहुत डर गया। उसने काँपते हुए शेर से कहा “हे शेर राजा मुझे माफ कर दिजिये,
मुझ से बहुत भारी भूल हो गई। अगर आप मुझे जाने देगें तो आप का बहुत उपकार होगा और आपके इस उपकार
को में वक्त आने पर जरूर चुका दूंगा।” यह सुनकर शेर को चूहे पर दया आ गई और उसने उसे जाने दिया। पर वह मन ही मन हँसा कि भला यह छोटा सा चूहा मेरा उपकार क्या चुकाएगा । समय बीतता गया और एक दिन हमेशा
की तरह शेर शिकार की तलाश में जंगल में घूम रहा था कि एक शिकारी ने उसे चलाकी से अपने जाल में पकड़ लिया।
शेर अपनी सहायता के लिए जोर-जोर से दहाड़ मारने लगा। शेर की अवाज सुनकर चूहा वहाँ आया । शेर को जाल में फँसा देखकर
उसने तुरन्त अपने नुकीले दाँतों से शिकारी का जाल काट दिया और शेर को आज़ाद कर दिया । शेर ने चूहे का बहुत धन्यवाद किया।
उस दिन शेर को समझ आया कि किसी भी प्राणी की काबलीयत उसके भारी रूप से नहीं लगानी चाहिए और कभी छोटे-बड़े का भेदभाव
नहीं करना चाहिए। हमेशा सबकी मदद करनी चाहिए क्योकिं जो दूसरों की मदद करता है, उसकी भी सब मदद करते हैं
नैतिक शिक्षा:कभी छोटे-बड़े का भेदभाव नहीं करना चाहिए। हमेशा सबकी मदद करनी चाहिए
क्योकिं जो दूसरों की मदद करता है, उसकी भी सब मदद करते हैं ।
9.कबूतरों और बहेलिया (Class 2 Hindi Moral Stories)

बरगद के एक पेड़ पर कबूतरों का एक झुण्ड रहता था। एक दिन कबूतर भोजन की तलाश में उड़ रहे थे।
उन्हें जमीन पर ढेर सारे दाने बिखरे हुए दिखाई दिए। सभी कबूतर दाना चुगने के लिए जमीन पर उतर गए। लेकिन वहां तो बहेलिए ने जाल बिछाया था। सारे कबूतर बहेलिये द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गए।
जाल में फंसने के बाद कबूतर बहुत उदास हो गए क्योंकि वे जानते थे कि उनका अंत निकट था। कबूतरों के नेता ने उन्हें हिम्मत न हारने की सलाह दी। उसने कहा कि यदि वे एकजुट होकर जोर लगाएं तो वे जाल को लेकर उड़ सकते हैं। वह एक बुद्धिमान कबूतर था जिसे एकता की शक्ति का पता था। सभी कबूतरों ने एक साथ जोर लगाया और जाल को लेकर उड़ गए। बेचारा बहेलिया कबूतरों को जाते देख हाथ मलता रह गया।
नैतिक शिक्षा:एकता में बल होता है
10.घमंडी हाथी और चीटी की कहानी (Class 2 Hindi Moral Stories)

एक हाथी था बढ़ा घमंडी सा, उसको अपनी ताकत का था बहुत घमंड,सब जानवरों को डराता था अपनी ताकत काफायदा उठता था।
जंगल के सब जानवर थे उससे परेशान फिर आई चीटी रानी, हाथी ने उसको भी परेशान किया, चीटी को बहुत घुस्सा आया। चीटी ने हाथी को सबक सीखाया, सोते हाथी के सुन्द में घुसकर उसको परेशान किया।
हाथी बहुत रोया तड़पा पर उसकी किसी ने न सुनी, हाथी ने चीटी से माफी मांगी और किसी को परेशान न करने का वादा किया।
नैतिक शिक्षा: हमें कभी भी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए अपनी ताकत का हमेशा सही इस्तेमाल करना चाहिए
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