प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना क्या है, उद्देश्य, लाभ, विस्तार ? :-
कोरोनावायरस का प्रकोप भारत के लिए एक अभिशाप की तरह था।
इसने लाखों लोगों की जिंदगी छीन ली और करोड़ों की जीवन को तबाह कर दिया ,लोगों के साथ साथ देश के भी आर्थिक स्थिति को कमजोर किया, लेकिन ढेर सारी बुराइयों के बावजूद इस महामारी के दौरान हमें कुछ सीखने को भी मिला। इस महामारी ने हमारे और हमारे देश की कमियों को उजागर किया, इन्हीं कमियों में एक है देश के स्वास्थ्य सेवा से संबंधित स्वास्थ्य अवसंरचना की कमी।
इसी को ध्यान में रखते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना का शुभारंभ किया। इस योजना का शुभारंभ मोदी जी ने अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी से किया, इस योजना की घोषणा 2021-22 के बजट में किया गया था।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत स्वास्थ्य योजना का उद्देश्य :-
यह योजना देश में उपस्थित स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित अवसंरचना के विकास के लिए आरंभ किया गया है, इसके तहत हॉस्पिटल, जांच केंद्र तथा स्वास्थ्य कर्मी की सुविधा पर ध्यान दिया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत 5 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों में critical care services( नाजुक स्वास्थ्य सेवा) की सुविधा उपलब्ध होगी, इसके अलावा शेष अन्य जिलों को रेफरल के माध्यम से इस सुविधा को उपलब्ध कराया जाएगा।
इस योजना के द्वारा शहर तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में क्रिटिकल केयर सुविधा में मौजूद कमी को दूर किया जाएगा इसके साथ ही प्राथमिक सेवा में भी मौजूद कमियों को दूर कर उसे और मजबूत किया जाएगा।
जिला में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला स्थापित किया जाएगा, जोकि ब्लॉक एवं क्षेत्रीय स्तर की प्रयोगशाला के साथ राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल माध्यम से एक नेटवर्क के रूप में जुड़ा होगा ,विकसित किया जाएगा।
इस योजना के तहत आवश्यक संख्या में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी को तैयार किया जाएगा तथा पहले से प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी को उनके निपुणता एवं कौशल को और अधिक सक्षम बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में आने वाली स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने में सहयोग मिल सके।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की अन्य बातें :-
● इस योजना के तहत 64000 करोड़ से अधिक की धनराशि को 2025- 26 तक खर्च किया जाएगा।
● इस योजना के तहत विशेष रुप से चिन्हित 10 राज्यों के 17488 ग्रामीण स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की मदद की जाएगी और इसके साथ ही सभी राज्यों में 11024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र की स्थापना की जाएगी।
● इसके तहत नेशनल इंस्टिट्यूट फोर वन हेल्थ, चार नये राष्ट्रीय वायरस अनुसंधान संस्थान (National Institute of virology ), WHO के साथ दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रों के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफार्म (National regional plateform) की स्थापना ,15 बायोसेफ्टी लेवल 3 की लैब तथा पांच नए ( Regional national Center for disease Control ) राष्ट्रीय क्षेत्रीय रोग रोकथाम केंद्र की स्थापना की जाएगी।
● इसके साथ ही नेशनल हेल्थ पोर्टल को भी लागू किया जाएगा जो कि सभी राज्यों के सरकारी लैब से जुड़ा होगा।
इस योजना से होने वाले लाभ
एक रिसर्च के अनुसार देश के 70 % क्षेत्रों में ही सरकारी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र उपलब्ध है, इनमें से भी ना जाने कितने सक्रिय रुप से काम कर रही है। शहरों की तुलना में गांव की स्थिति और भी खराब है, 37 % ग्रामीण क्षेत्रों में ही चलकर स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने की सुविधा है, जबकि शहरों में 64%।
यही सब कमियां इस योजना के तहत काफी हद तक दूर होगी, इस योजना के द्वारा स्वास्थ्य सुविधा आसानी से प्राप्त हो सकेगा। कोविड-19 के समय हमें अस्पताल ,जांच केंद्र एवं पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्य कर्मी की कमी का सामना करना पड़ा। इस योजना के द्वारा अस्पताल एवं कॉलेज की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मी की संख्या भी बढ़ेगी तथा जांच केंद्रों की भी संख्या को बढ़ाई जाएगी।
क्रिटिकल केयर सुविधा उपलब्ध होने से लोगों को काफी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा, क्योंकि किसी भी बीमारी शुरुआत की कुछ समय काफी नाजुक होती है।
हम उम्मीद करते हैं कि इस योजना के द्वारा भारत के स्वास्थ्य सुविधा मजबूत होगी तथा ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता बढ़ेगी एवं भारतीय स्वास्थ्य सुविधा वैश्विक स्तर की बनेगी।
परीक्षोपयोगी दृष्टि
शुभारंभ – 25 Oct 2021 (प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा)
स्थान- वाराणसी(U.P), मोदी जी का संसदीय क्षेत्र।
घोषणा- इसकी घोषणा बजट 2021-22 में की गई थी।
खर्च- 64000 करोड़ से अधिक धनराशि, 2025-26 तक।
उद्देश्य- देश में स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित अवसंरचना के विकास के लिए आरंभ किया गया है। इसके तहत हॉस्पिटल, जांच केंद्र तथा स्वास्थ्य कर्मी की सुविधा पर ध्यान दिया जाएगा।
◆ इसके अंतर्गत 5 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों में क्रिटिकल केयर सर्विस (नाजुक स्वास्थ्य सेवा) की सुविधा उपलब्ध होगी, बाकी जिलों को रेफरल माध्यम से।
◆ शहर तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।