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राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन क्या है|What is National Hydrogen Mission in Hindi| Green Hydrogen kya hai

न्यूज़ में क्यों?

15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में राष्ट्रीय Hydrogen mission के बारे में चर्चा कि। प्रधानमंत्री ने कहा की भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन एवं निर्यात के क्षेत्र में अव्वल बनना है। बजट 2021- 2022 में भी Hydrogen mission के बारे में चर्चा की गयी थी।

हाइड्रोजन मिशन के बारे में :-

जैसा कि हमें पता है भारत ईंधन ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं है। हमें ईंधन ऊर्जा के लिए अन्य देशों पर निर्भर होना पड़ता है,और यह ईंधन स्रोत अनवीकरणीय है मतलब की यह आने वाले भविष्य में समाप्त हो सकती हैं तथा इसे बनने में लाखों करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। इस प्रकार की ईंधन स्रोत से पर्यावरण भी काफी प्रदूषित होता है। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन के चुनौतियां से निपटने के लिए राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन को लाया गया।

हाइड्रोजन में ऊर्जा दक्षता काफी अधिक होती है और साथ ही यह कार्बन उत्सर्जन नहीं के बराबर करता है। इसीलिए 2020 में दिल्ली में CNG गैस में हाइड्रोजन गैस मिलाकर कई बसों को चलाया गया। इस मिशन के तहत रसायन , लौह इस्पात , उर्वरक , परिवहन एवं ग्लोबल वार्मिंग के क्षेत्र में decarbosing के लिए हाइड्रोजन का उपयोग किया जाएगा।

भारत सरकार GHCO(Green hydrogen consumption obligation)के क्षेत्र में भी काम कर रही है मतलब रिफाईनरी और फर्टिलाइजर बनाने वाली कंपनियों को हाइड्रोजन का उपयोग करने के लिए कह रही है।

हाइड्रोजन का उत्पादन इंधन रहित देश जापान सहित ऑस्ट्रेलिया, स्पेन ,चीली, साउथ कोरिया जैसे कई देश कर रहे हैं।

हाइड्रोजन के बारे में:-

हाइड्रोजन सबसे हल्का ,रंगहीन एवं गंधहिन गैस है। ब्रह्मांड में इसकी काफी प्रचुरता है और यह धरती पर स्वतंत्र रूप से ना पाकर compound के रूप में पाया जाता है। जैसे H2O, Hydrocarbon …etc के रूप में।

हाइड्रोजन को यौगिक से अलग करने के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है।

(1) ब्राउन हाइड्रोजन :- इसके उत्पादन के लिए coal का उपयोग किया जाता है और इससे हाइड्रोजन के साथ-साथ CO2, CO भी निकलता है!

(2)ब्लू हाइड्रोजन:- इसमें CO2, CO निकलता है परंतु इसको कैप्चर कर स्टोर कर लिया जाता है!

(3)ग्रीन हाइड्रोजन:- इसमें उत्पादन के लिए पवन ऊर्जा सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा का स्रोत को इलेक्ट्रोलिसिस मेथड के लिए उपयोग करते हैं । इसमें हाइड्रोजन के साथ ऑक्सीजन निकलता है।

World Enery Council के अनुसार एक kg हाइड्रोजन का उर्जा दक्षता 1 kg गैसोलीन के ऊर्जा दक्षता का 3 गुना है ।फिलहाल हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन सेल, आंतरिक दहन इंजन और रॉकेट कैप्सूल इत्यादि के रूप में किया जाता है।

Hydrogen से होने वाले लाभ:-

• यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। यह कभी समाप्त नहीं होगा। इसकी उपलब्धता भी आसानी से है।

• इसमें कार्बन का उत्सर्जन नहीं होगा। पर्यावरण हितेषी भी है।

• इसकी ऊर्जा दक्षता बहुत अधिक है! जलवायु परिवर्तन के चुनौतियां के लिए एक अच्छा कदम होगा।

• भारत इसका अधिक उत्पादन कर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर तथा निर्यातक देश भी बन सकता है।

हाइड्रोजन उत्पादन के क्षेत्र में चुनौती:-

• उत्पादन प्रक्रिया काफी खर्चीला है। तकनीकी सुगम प्रक्रिया का कमी होना।

• इसमें लागत अधिक है, भंडारण की व्यवस्था का नहीं होना।

• सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा, क्योंकि यह एक अत्यंत ज्वलनशील गैस है।

• इस क्षेत्र में भारत सरकार को समय एवं पैसा का काफी निवेश करना होगा। ताकि आने वाले समय में भारत ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें।

• इसके लिए देश के प्रमुख शिक्षण एवं शोध संस्थान में इस पर गहन शोध हो।

• इसके साथ ही निजी कंपनियों को भी इस क्षेत्र में निवेश तथा काम करना चाहिए।

उम्मीद है आप लोगों को यह जानकारी बहुत अच्छी लगी होगी आप सब अपने दोस्त और परिवार के साथ इस पोस्ट को शेयर करे ।

धन्यवाद !

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