आज हम एक ऐसे इंसान के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने सीखने की काबिलियत और अपने हुनर से आसमां की नई बुलंदियों को छूने को दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रहे हैं, और लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं। उन्हें मार्गदर्शन दे रहे हैं कि आप भी बड़े ख्वाब देखे, आगे बढ़े, अपने मां बाप का सपना पूरा करें। परिस्थितियां चाहे जो भी है हमें अपने हुनर को दिन प्रतिदिन धार देकर आगे की मार्ग की ओर प्रस्थान करना है। एक दिन बड़ा आदमी और अच्छा इंसान बनकर अपने परिवार, समाज और देश का नाम रोशन करना है।
जी हां हम बात कर रहे हैं आज एक डिजिटल दुनिया के सक्सेसफुल उद्यमी, प्रोडक्टिव कोच, मोटिवेशनल स्पीकर मिस्टर अनुराग दाँगी सर् के बारे में।
अनुराग दाँगी नाम से आप भली-भांति परिचित होंगे एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने परिस्थितियों को दरकिनार कर सदा आगे बढ़ने को अग्रसर रहे हैं और लोगों को भी प्रेरित करते रहे हैं। अनुराग दाँगी सर् के भी कई ख्वाब थे जैसे IIT में पढ़ना, बड़े इंवर्सिटीयों में पढ़ना लेकिन कुछ परिस्थितियों या हालातों से ऐसा ना हो सका लेकिन वह कहते हैं ना कि जिनके अंदर हुनर और आगे बढ़ने की जिज्ञासा है वह इंसान जहां भी रहेगा अपने प्रकाश का पुंज संसार में फैलाता रहेगा।
एक छोटे से गांव और परिवेश में जन्में अनुराग सर का शुरुआती जीवन बहुत ही कठिन और संघर्षपूर्ण रहा है। अनुराग सर का पूरा नाम अनुराग दाँगी है जो कि बचपन से ही प्रतिभावान और पढ़ाई में अब्बल रहे हैं। वर्तमान समय में अनुराग सर प्रोडक्टिविटी कोच के रूप में कार्यरत हैं ये ऐसे पहलुओं पर काम करते हैं जिन्हें सीखकर कोई भी व्यक्ति बुलंदियों तक पहुंच सकता है। अनुराग सर के भाषण, संघर्ष और मेहनत से प्रेरणा लेकर आज हजारों छात्र अपनी जिंदगी में बदलाव ला चुके हैं।
आज के समय में ज्यादातर छात्र फेसबुक, यूट्यूब, टेलीग्राम और व्हाट्सएप में ही अपना सारा समय व्यतीत कर देते हैं और इसे ज्यादा प्रयोग करने के कारण सोशल मीडिया इन्हें इस प्रकार अपनी ओर आकर्षित कर लेती है कि वह अपने भविष्य के बारे में भूल ही जाते हैं।
अनुराग सर कहते हैं कि आज के समय में बहुत से छात्र फेसबुक, व्हाट्सएप और यूट्यूब के ज्यादा प्रयोग करने के कारण अपने भविष्य को भूल गए हैं। कि वह अपनी जिंदगी में क्या करना चाहते थे। क्या बनना चाहते थे। वह आज भूल गए हैं कि अपने मां-बाप से वादा किया था कि मैं वो करके दिखाऊंगा जो किसी ने नहीं कर के दिखाया। एक दिन बड़ा आदमी बनकर दिखाऊंगा।
और आज दोस्ती यारी के चक्कर में, सोशल मीडिया (चैटिंग) जैसे प्लेटफार्म के चक्कर में अपने मां बाप से किये उस वादे को भूल गए हैं जो उन्हें सपना दिखाया था कि मां तेरा बेटा भी एक दिन बड़ा आदमी बन कर दिखाएगा।
मैं यह बिलकुल भी नहीं कह रहा कि आप सोशल मीडिया का प्रयोग मत करो। आप उसे प्रयोग करो लेकिन लिमिटेड टाइम के लिए। जिससे आपका समय भी बचे और आप अपने लक्ष्य पर कंसंट्रेट कर पाएं।
आज के समय में बहुत से छात्र कहते हैं कि हमारी आर्थिक स्थिति कमजोर है। हम गरीब हैं। हमारे मां-बाप हमें पढ़ा नहीं पा रहे, अच्छी शिक्षा नहीं दिला पा रहे।
मैं अनुराग दाँगी आप सभी से एक बात कहना चाहूंगा। कि परिस्थितियां आपको तोड़ने नहीं आती हैं बल्कि आपको मजबूत करने आती हैं। क्योंकि बड़ा वही बनता है जो गिरकर उठना जानता है। यहां कोई किसी की जिंदगी बदलने नहीं आता अपनी जिंदगी खुद बदलनी पड़ती है। अपनी मेहनत, संघर्ष और समर्पण के बल पर।
अनुराग सर कहते हैं कि सपने सच होते हैं, आप विश्वास मानिए। जिंदगी बदलती जरूर है, खुद पर यकीन तो रखिए।
ऐसी ही कुछ कहानी है अनुराग सर की। अनुराग सर बताते हैं कि जब उनका IIT जाने का ख्वाब टूटा था तो उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी जाने का मन बनाया था। दाखिले के लिए फॉर्म भी भरा था लेकिन कहीं ना कहीं उनका यह सपना अधूरा रह गया। उन्होंने कहा कि आज पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर से मिल पाना तो समझिए मेरे लिए साक्षात परमात्मा के दर्शन के समान था। लेकिन कहते हैं ना कि अगर किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहो। तो पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में लग जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ अनुराग सर के साथ।
एक समय था जब अनुराग सर को पटना यूनिवर्सिटी में एक छात्र के रूप में पढ़ने का अवसर नहीं मिला था। और आज उन्हें वहां के छात्रों के साथ-साथ वहां के प्रोफेसर से मिलने का अवसर मिला। वहां के शिक्षकों और छात्रों ने बताया कि उन्हें सच में अनुराग सर से बहुत कुछ सीखने को मिला। यह वही समय था जब शिक्षक भी शिक्षण का कार्य छोड़कर अनुराग सर को सुन रहे थे।
इसके साथ-साथ अनुराग सर ने बताया कि वैसे तो छात्रों का प्रेम उन्हें हमेशा मिलता रहा है। लेकिन पटना यूनिवर्सिटी के बच्चों का प्रेम इतना मिला जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। इस सेमिनार के बाद अनुराग सर अत्यधिक उत्साहित महसूस कर रहे थे। पॉलीटिकल डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष शेफाली राय मैम का कहना था कि मैं इस सेमिनार को यूनिवर्सिटी लेवल पर कराने का प्रयास करूंगी। अनुराग सर कहते हैं कि उन्हें हर कॉलेज, इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी और हर स्कूल तक पहुंचना है जिससे वह लोगों की जिंदगी में बदलाव ला सकें।
27 नवंबर, 2021 को पटना यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में कोविड के बाद पहले ऑफलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ स्वागत भाषण एवं विषय परिचय डॉ शेफाली राय के द्वारा किया गया है। वहां पर उपस्थित सभी छात्रों को अनुराग सर के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित किया गया और आज के समय में सोशल मीडिया के प्रयोग के बारे में जानकारी दी गई कि आप सोशल मीडिया के माध्यम से किस प्रकार से पैसा कमा सकते हैं।
जैसे :- ब्लॉगिंग करके , यूट्यूब चैनल बनाके, ऑनलाइन मार्केटिंग करके और किस तरह से पैसा कमाया जा सकता है।
पटना यूनिवर्सिटी की डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिकल साइंस की हेड प्रोफेसर शेफाली रॉय ने बताया कि शुरू में वह अनुराग दाँगी सर से मिलने की इच्छुक भी नहीं थीं। लेकिन जब वह उनसे मिलीं। तो उन्हें ऐसा लगा कि वह इन्हें पॉलिटिकल डिपार्टमेंट के बच्चों के लिए जरूर लाएंगी। क्योंकि शिक्षा के दौरान बच्चे ऐसी स्टेज में होते हैं कि उन्हें पता नहीं होता की वे क्या बनना चाहते हैं। इसलिए एक मार्गदर्शक के रूप में अनुराग सर को मैं अपने प्लेटफार्म पर लेकर आई और ये मेरा बिल्कुल सार्थक प्रयास रहा। इसके साथ साथ उन्होंने बताया कि वहां के प्रिंसिपल साहब भी इस सेमिनार में शामिल हुए। और उनके छात्रों के दिमाग में कैरियर को लेकर एक क्लीयर कांसेप्ट आ गया। कि मुझे करना क्या है।
इसके साथ साथ उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि अनुराग सर द्वारा यूनिवर्सिटी लेवल पर एक सेमिनार कराया जाए।
पटना यूनिवर्सिटी में उपस्थित कई सारे शिक्षकों ने अनुराग सर की सराहनीय प्रसंशा करते हुए कहा कि उनके छात्रों को उनसे बहुत प्रेरणा मिली और उन्होंने बताया कि कहीं न कहीं उन्होंने भी बहुत सी चीजें सीखी। जिससे वे अपने आपमें काफी पॉजिटिव और मोटिवेट फील कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ये सेमिनार हमारे और हमारे छात्रों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ। इस सेमिनार में हमने जाना कि हम अपने लक्ष्य पर फोकस कैसे कर सकते हैं अपनी पर्सनालिटी को कैसे डेवलप कर सकते हैं और इसके साथ साथ उन्हें और भी बहुत सीखने को मिला। जिसके लिए उन्होंने अनुराग सर का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय राजनीति विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शेफाली राय, प्रोफेसर सीमा प्रसाद, डॉ राकेश रंजन, डॉ प्रदीप कुमार एवं पटना कॉलेज राजनीति विज्ञान की प्रमुख डॉ अर्चना ने भी भाग लिया। स्वागत भाषण एवं विषय परिचय डॉक्टर शेफाली राय ने किया तथा डॉ अर्चना ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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