नमस्कार पाठकों/दोस्तों
मित्रों हम जब रात में तारों की ओर देखते हैं तो एक सवाल हमारे दिमाग में जरूर आता है कि यह ब्रह्मांड कितना बड़ा है, और उसमें कैसे-कैसे ग्रह है, क्या इनके ग्रह पर हमारे अलावा भी लोग बसते हैं, और ऐसे ही कई और सवाल भी हैं जो हमारे दिमाग में घूमते रहते हैं।
मित्रों हमारा सौर मंडल जिसमें हमारी पृथ्वी एक ग्रह है, नौ ग्रहों से मिलकर बनी है। वैज्ञानिकों की मानें तो अब इसमें केवल “8” ही ग्रह बचे हैं क्योंकि यम ग्रह को ग्रह की श्रेणी से निकाल दिया गया है।
मित्रों आज के लेख हम आपको हमारे सौरमंडल के चमकीले और सबसे बड़े ग्रह के बारे में जानकारी देंगे। जी हां! आज हम आपको बृहस्पति ग्रह के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताएंगे, जो आपने शायद आज से पहले कभी नहीं सुने होंगे।
तो चलिए शुरू करते हैं!
बृहस्पति ग्रह क्या है ?
मित्रों बृहस्पति ग्रह हमारे सौरमंडल का पांचवा ग्रह है। यह आकृति में सबसे बड़ा है। बृहस्पति ग्रह के पास बहुत सारे चंद्रमा है जो हर वक्त इस के चक्कर लगाते रहते हैं।
यह ग्रह सूर्य से पांचवे नंबर पर आता है। ब्रहस्पति ग्रह इतना बड़ा है कि यदि पूरे सौरमंडल के सारे ग्रह को मिला दिए जाएं (सूर्य को छोड़कर) तो भी यह उससे लगभग ढाई गुना ज्यादा बढ़ा होगा। बृहस्पति ग्रह के पास में बड़ा ही ताकतवर गुरुत्वाकर्षण बल है जो पृथ्वी से भी कई गुना ज्यादा है। अर्थात वहाँ पर सामान्य चीजें भी पृथ्वी से कई गुना भारी होती है।
बृहस्पति ग्रह पर एक बहुत बड़ा लाल धब्बा दिखाई देता है। जिसे “ग्रेट रेड स्पॉट” भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का भयंकर तूफान है जो लगभग 17 शताब्दी से देखा जा रहा है। यह 17वीं शताब्दी से पहले नहीं देखा गया था। यह लाल तूफान लगभग 350 सालों से ऐसे ही एक्टिव है।
बृहस्पति ग्रह की संरचना
• मित्रों बृहस्पति ग्रह लगभग सारा का सारा हाइड्रोजन से बना हुआ है। लेकिन हीलियम भी इसके द्रव्यमान का एक चौथाई और इसके पूरे भार का दसवां हिस्सा है। इसमें चट्टान की परत होने की पूरी संभावना है लेकिन दूर से देखने पर पता चलता है कि बृहस्पति ग्रह पर एक ठोस सतह का पूरा अभाव है।
• यह ग्रह सूर्य से प्राप्त उर्जा से अपनी मात्रा से अधिक ऊष्मा पैदा करता है। और यह बहुत ही तीव्र गति से अपने पथ पर घूमता है।
• अगर हम यह कहे कि बृहस्पति ग्रह सौरमंडल में सभी ग्रहों में से सबसे तेज घूमता है तो यह गलत नहीं होगा।
• अगर इसे दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यहां पर दिन और रात सबसे कम समय के होते हैं अर्थात बृहस्पति ग्रह पर मात्र 9 घंटे 55 मिनट के अंदर अपना पूरा चक्कर लगा लेता है।
• बृहस्पति ग्रह के चारों ओर छोटे-छोटे ग्रहों की एक शक्तिशाली चुंबकीय प्रणाली है। जोकि एक घेरे के आकार में है।
• बृहस्पति ग्रह की पूँछ की लंबाई शनि ग्रह की पूरी कक्षा के बराबर है।
• बृहस्पति ग्रह के तकरीबन 80 से ज्यादा चंद्रमा (उपग्रह) है।
• कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बृहस्पति ग्रह सौरमंडल के सभी ग्रहों में से (सूर्य को छोड़कर) सबसे पुराना ग्रह है।
• बृहस्पति ग्रह सबसे तेजी से घूमता है। इसी वजह से यह थोड़ा चपटा भी है।
• बृहस्पति ग्रह का व्यास 1,42,984 किलोमीटर का है। बृहस्पति ग्रह में लगभग 90% हाइड्रोजन और 10% हीलियम है। जैसा कि हम जानते हैं कि हाइड्रोजन के परमाणु हीलियम के परमाणुओं की तुलना में अधिक छोटे होते हैं। इसीलिए बृहस्पति ग्रह में हाइड्रोजन का भाग 75% और हीलियम का भाग लगभग 24% होता है।
• हाइड्रोजन और हीलियम के अलावा कार्बन, हाइड्रोजन सल्फाइड, नीओन, ऑक्सीजन, फोस्फिन, सल्फर, बेंजीन, हाइड्रोकार्बन, अमोनिया, सिलिकॉन, जलवाष्प, मिथेन यह सब भी बृहस्पति ग्रह पर पाए जाते हैं। और बृहस्पति ग्रह को बनाने में इन सभी तत्वों का अपना-अपना योगदान है।
बृहस्पति ग्रह के कुछ रोचक तथ्य-
मित्रों बृहस्पति ग्रह के बारे में आपने बहुत सुना होगा लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताएंगे जो हो सकता है शायद आप ने नहीं सुनी होगी।
- मित्रों आपने जरूर सुना होगा कि ब्रहस्पति ग्रह बहुत बड़ा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्रहस्पति इतना बड़ा है जिसमें 318 पृथ्वी समा सकती है। और यदि सौर मंडल के सारे ग्रहों को भी मिला दिया जाए तो भी बृहस्पति ग्रह उन से ढाई गुना बड़ा है। यह एक बहुत ही रोचक तथ्य है।
- मित्रों आपने जरूर सुना होगा कि अंतरिक्ष में ग्रह का बनना और टूटना लगा रहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब एक ग्रह टूटता है या फट जाता है तो वह एक तारा बन जाता है। क्योंकि उसके कोर में एक बहुत ही गर्म लावा होता है जो गुरुत्वाकर्षण बल के कारण खींचा हुआ रहता है। और समय के साथ वह मोटी और सख्त परत की चादर ओढ़ लेता है।
- वह फिर दूर से देखने में चमकता हुआ दिखाई देता है जिसे हम तारा कहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बृहस्पति ग्रह कभी भी एक तारा नहीं बन सकता। क्योंकि बृहस्पति ग्रह अपने आप में इतनी उर्जा नहीं बनाता जिससे वह फट सके।
- आपने यह जरूर सुना होगा कि बृहस्पति ग्रह बहुत तेजी से घूमता है। लेकिन क्या आप क्या जानते हैं कि यह कितनी तेजी से घूमता है। मित्रों बृहस्पति ग्रह इतना बड़ा और भारी-भरकम होने के बावजूद भी बहुत ही तेजी से घूमता है।
- यह लगभग 12.6 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से घूमता है और लगभग 45,300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमता है। यह अपने अक्ष पर मात्र 10 घंटों में अपना एक चक्कर पूरा कर लेता है।
- मित्रों क्या आप जानते हैं कि बृहस्पति ग्रह पर बादल मात्र 50 किलोमीटर मोटा है।
- इतना बड़ा होने के बाद भी मात्र 50 किलोमीटर मोटे बादल होना अपने आप में एक आश्चर्यजनक बात है।
- मित्रों आपने ब्रहस्पति ग्रह की तस्वीर देखी होगी तो आपने देखा होगा कि उस पर एक लाल भंवरा बना होता है। मित्रों लाल भंवरा और कुछ नहीं बल्कि एक बहुत बड़ा तूफान है। जो 350 सालों से आज तक चला रहा है।
- 350 साल पहले ऐसा नहीं देखा गया था लेकिन आज के समय दिखाई देता है। लेकिन आज के समय खगोल वैज्ञानिकों का मानना है कि यह लाल भंवरा अर्थात बहुत बड़ा तूफान लगभग 500 सालों तक ऐसे ही चलता रहेगा।
- मित्रों चित्र में देखने पर हमें पता चलता है कि जुपिटर ग्रह की कोई भी चक्रिका नहीं होती। अर्थात रिंग नहीं होती। लेकिन थोड़ा नजदीकी से देखने पर आपको पता चलता है कि बृहस्पति ग्रह पर भी चकरी कायम होती है। और इस चकरी पर 80 से ज्यादा चंद्रमा/उपग्रह चक्कर लगाते हैं।
- मित्रों अपने जरूर सुना होगा कि बृहस्पति ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी से ज्यादा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी के मुकाबले बृहस्पति ग्रह पर 14 गुना ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल है। अर्थात बृहस्पति ग्रह किसी भी चीज को पृथ्वी की तुलना में 14 गुना तेजी से अपनी ओर खींचता है।
- मित्रों आपने सुना होगा बृहस्पति ग्रह बहुत बड़ा है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आप अपनी नंगी आंखों से भी ब्रहस्पति को देख सकते हैं। 1610 महान वैज्ञानिक गैलीलियो ने भी बृहस्पति ग्रह को अपनी नंगी आंखों से देखा था। और उसके बाद से बहुत बार हजारों लाखों लोगों ने ब्रहस्पति को अपनी आंखों से देखा है।
- बृहस्पति का इतना बड़ा होने के बावजूद हमारे सौरमंडल का चौथा सबसे चमकीला ग्रह है। सूर्य चंद्रमा और शुक्र ग्रह को छोड़कर बृहस्पति ग्रह सबसे ज्यादा चमकीला है।
- बृहस्पति ग्रह का अंग्रेजी में नाम जुपिटर है पर क्या आपने जानते हैं कि पौराणिक बेबीलोनियन रिकॉर्ड के अनुसार जुपिटर नाम रोमन देवताओं के नाम पर रखा गया है। इसे बिजली के देवता के रूप में माना जाता है। और लोग बृहस्पति ग्रह की पूजा करते थे।
- मित्रों जुपिटर अपने अक्ष पर सबसे तेजी से घूमता है लेकिन सूर्य का चक्कर है लगभग 118 सालों में एक बार लगाता है।
बृहस्पति ग्रह से संबंधित दंत कहानियां-
मित्रों रोमन पौराणिक कथाओं में बृहस्पति ग्रह का उल्लेख बहुत बार मिलता है। बृहस्पति ग्रह को स्वर्ग और पृथ्वी के देवताओं का राजा कहा गया है। उन्हें शीर्ष देवता के रूप में भी जाना जाता है और न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है। कथाओं के अनुसार क्रोनस जिन्हें भगवान शनि और टाइटंस को उखाड़ फेंकने के बाद हुई बैठक में सभी देवताओं ने बृहस्पति ग्रह को अपना राजा बनाया। शनि ग्रह के हटते ही पृथ्वी और स्वर्ग के सभी देवताओं ने बृहस्पति ग्रह को भगवान का ताज पहनाया।
सभी देवताओं ने मिलकर नेप्चून को समुद्र पर और प्लूटो को धरती का प्रभुत्व प्रदान किया। बृहस्पति ग्रह की पत्नी जूनो जो ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार हेरा है, वह जुपिटर ग्रह के ऊपर क्रोधित होती थी क्योंकि वह दूसरे देवियों को आकर्षण देते थे।
Conclusion (निष्कर्ष)
तो मित्रो आज के लेख में हमने बृहस्पति ग्रह के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करी। आज हमने जाना कि बृहस्पति ग्रह क्या है, बृहस्पति ग्रह से संबंधित कुछ रोचक तथ्य और बृहस्पति ग्रह से संबंधित कुछ अनसुनी दंत कहानियां हमने आपको बताई।
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धन्यवाद…!
कुछ महत्वपूर्ण Q. & A…
Q. बृहस्पति ग्रह का जुपिटर नाम क्यों है?
Ans. मित्रों बृहस्पति ग्रह का नाम जुपिटर रोमन देवताओं के नाम पर रखा गया है। रोमन देवताओं में सबसे बड़े देवता जिन्हें ज्यूस के नाम से भी जाना जाता था। जुपिटर ग्रह का नाम उनके नाम पर रखा गया।
Q. बृहस्पति ग्रह का क्षेत्रफल कितना है?
Ans. बृहस्पति ग्रह का क्षेत्रफल 6142 विलियन KM2 है।
Q. शुक्र ग्रह का रंग कैसा है?
Ans. शुक्र ग्रह डार्क ग्रे कलर का है। लेकिन दूर से देखने पर यह लाल रंग का दिखाई देता है।
Q. शनि ग्रह का रंग कैसा है?
Ans. मित्रों शनि ग्रह भूरे-पीले रंग का है।