हेल्लो दोस्तो, आज के इस लेख में हम बुध ग्रह और उससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।
Interesting facts about Mercury
हम सब बचपन से बुध ग्रह के बारे में पढ़ते आए हैं, परंतु ऐसे काफी रोचक तत्व है बुध ग्रह के बारे में जिससे हम अभी अज्ञात है. आज के इस आर्टिकल में हम बुध ग्रह के बारे में और उससे जुड़े हुए कुछ रोचक तत्व के बारे में जानेंगे.
बुध ग्रह की सामान्य जानकारी
बुध ग्रह को अंग्रेजी भाषा में Mercury planet कहा जाता है. बुध ग्रह गहरे सलेटी रंग का है. शुक्र ग्रह के बाद यह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है. सौर्य मंडल के आठों ग्रहों में बुध पहला ग्रह है, इसलिए इससे सूर्य का सबसे निकट ग्रह भी कहां जाता हैं.
बुध ग्रह पूरे सूर्य मंडल में एक ऐसा ग्रह है जिसकी कक्षा सबसे कम गोलाकार और विलक्षण है.
बुध ग्रह से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े
इसका परिक्रमण समय 88 दिनों का है. बुध ग्रह को स्थलीय ग्रह भी कहा जाता है, क्योंकि यह 30% सिलीकेट और 70% मेटल से बना है.
बुध ग्रह का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के मुकाबले केवल 38% है. उदाहरण यदि आपका वजन पृथ्वी पर 100 किलो है तो बुध ग्रह पर आपका वजन केवल 38 किलो हो जाएगा.
ग्रह के आंतरिक हिस्सों को तीन हिस्सों में भाग किया जा सकता है. बुध ग्रह के सबसे अंदर के हिस्से को कोर कहां जाता है, बीच के इससे को मेंटल कहा जाता है और बाहरी हिस्से को क्रस्ट कहा जाता है.
बुध ग्रह का वायुमंडल अलग-अलग घटकों से मिलकर बना है जैसे 29%सोडियम, 42%ऑक्सीजन, 22%हाइड्रोजन, 6%हिलियम, 0.5%पोटेशियम, इत्यादि
बुध ग्रह से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
बुध ग्रह स्थलीय ग्रह होने के कारण उसका चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से केवल 1% मात्र है.
ग्रह का आकार पृथ्वी के चंद्रमा के आकार के बराबर है.
बुध और शुक्र सौरमंडल के एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जिनका खुद का कोई चंद्रमा नहीं है.
बुध ग्रह की संरचना मुख्य रूप से भारी धातुओं और विशाल चट्टानों द्वारा हुई है इसलिए इससे पृथ्वी के बाद दूसरा सबसे घना( ज्यादा खनिज) माना जाता है.
बुध को सुबह और शाम का तारा भी कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य उदय से एकदम पहले और सूर्य अस्त के एकदम बाद दिखाई देता है.
बुध ग्रह पृथ्वी से 4.8 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर है.
सुमेरी सभ्यता के लोगों ने आज से 5000 वर्ष पूर्व पहले बुध ग्रह का पता लगाया था.
बृहस्पति, शुक्र, शनि, मंगल ग्रहों के बाद बुध एक ऐसा ग्रह है जिसे बिना चश्मे लगाए हुए अपनी आंखों द्वारा पृथ्वी की सतह से देखा जा सकता है.
बुध के दिन और रात के तापमान में काफी ज्यादा अंतर है. दिन के समय ग्रह का तापमान 450 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है और रात के समय 0 से -176 सेल्सियस डिग्री तक आ जाता है.
बुध ग्रह की सतह पर काफी विशाल गड्ढे हैं, इसलिए इसकी सता काफी उबड़ खाबड़ है. बुध ग्रह की सतह के गड्ढे काफी किलोमीटर तक लंबे हैं और 3 किलोमीटर तक गहरे भी हैं.
वैज्ञानिकों का मानना यह है कि बुध ग्रह पृथ्वी के मुकाबले 26 गुना छोटा है और बुध ग्रह का केंद्र पृथ्वी के केंद्र की तरह ही लोहे से बना हुआ है परंतु बुध ग्रह के लोहे का केंद्र पृथ्वी के लोहे के केंद्र से अधिक बड़ा है.
दूसरे ग्रहों के मुकाबले बुध ग्रह सूर्य का परिक्रमण सबसे कम दिनों में कर लेता है इसलिए बुध ग्रह का नाम Mercury एक रोमन देवता के नाम पर रखा गया है.
बुध ग्रह को पहली बार गैलीलियो गोलीली और थॉमस हैरियट द्वारा दूरबीन के माध्यम से 70 वीं शताब्दी में देखा गया था.
बुध की दूरी सूर्य से 57.91 मिलियन किलोमीटर है.
पृथ्वी की सत्ता बुध ग्रह से 3 गुना पतली है.
पृथ्वी के 59 बुध ग्रह के 1 दिन के मुकाबले होते हैं.
बुध ग्रह का निर्माण 4.5 अरब वर्ष पहले ही हो गया था.
पृथ्वी के मुकाबले बुध ग्रह पर सूर्य 2 गुना ज्यादा बड़ा दिखाई देता है.
मेरिनो 10 और मैसेंजर केबल ऐसे दो स्पेसक्राफ्ट है जो बुध ग्रह के अंदर जा सके हैं.
पृथ्वी से बुध ग्रह का सिर्फ एक तरफ का हिस्सा ही दिखाई दे सकता है.
बुध ग्रह का वातावरण 99% कार्बन डाइऑक्साइड से बना हुआ है और बाकी का 4 परसेंट एक्शनऑन, रेडॉन और कैल्शियम से बना हुआ है.
ग्रह का व्यास 9 पॉइंट 4 किलोमीटर है जिसका मतलब वह यूनाइटेड स्टेट(U.S.A) के आकार के बराबर है.
बुध ग्रह पर पड़ने वाली सूर्य किरणें पृथ्वी के मुकाबले 7 गुना ज्यादा ताकतवर होती हैं.
बुध ग्रह एक ऐसा ग्रह है जिससे बाकी ग्रहों के मुकाबले सबसे आखरी में ढूंढा गया है.
20 जुलाई 1969 के दिन मनुष्य ने चांद पर कदम रख दिया था परंतु उस समय बुध ग्रह पर जाने के लिए किसी भी तरह की कोई भी सटीक गणना नहीं थी जो कि सबसे अजीब बात है क्योंकि बुध ग्रह सबसे करीबी ग्रह है.
बुध ग्रह का कोर पृथ्वी के कोर के मुकाबले काफी बड़ा है जो वैज्ञानिकों का मानना है काफी अजीब बात है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि दूसरे पिंड के कॉलेजम की वजह से बुध ग्रह का अधिकांश भाग खत्म हो गया है.
बुध ग्रह का आकाश सदैव रंगबिरंगा और चमकीली चीज़ से भरा रहता है क्योंकि इसका खुदका इलेक्ट्रोमेडिकल फील्ड इतना स्ट्रांग नहीं है कि वह सूरज से आने वाली सोलर विंड से बच सकें.
बुध ग्रह के एटमॉस्फेयर में मौजूद सोडियम गैस को जलाने का सबसे बड़ा कारण अल्ट्रावॉयलेट पार्टिकल्स है.
बुध ग्रह के बारे में जानकारी प्राप्त करते समय हमें अपने सौरमंडल के आरंभिक समय के बारे में काफी अलग-अलग प्रकार की जानकारियां मिलती रहती है.
निष्कर्ष
आज हमने इस आर्टिकल में बुध ग्रह(Mercury) के बारे में काफी विस्तार से बताने की कोशिश की है और इससे जुड़ी हुई बातों और कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों के बारे में समझाने की कोशिश की है. आशा करते हैं कि जो हमने आपको 30 रोचक तथ्य बताए हैं आशा करते हैं कि वह आपको काफी पसंद आए होंगे. कहां जाता है की अभी भी काफी ऐसे तथ्य हैं जिन पर वैज्ञानिक अभी भी रिसर्च कर रहे हैं.