नमस्कार पाठकों,
आज के लेख में हम आपको अरुण ग्रह के बारे में पूरी जानकारी देंगे। आज के लेख में हम आपको बताएंगे कि अरुण ग्रह क्या है ? इसकी आंतरिक संरचना कैसी है ? और इसके बारे में कुछ रोचक तथ्य और कुछ दंत कहानियां जो अरुण ग्रह से जुड़ी हुई है।
तो चलिए शुरू करते हैं
अरुण ग्रह क्या है ?
मित्रों अरुण ग्रह हमारे सौरमंडल के नौ ग्रहों में से एक ग्रह है और यह सूर्य से दूर सातवां ग्रह है। यह सूर्य से काफी दूर है अर्थात 2.88 बिलियन किलोमीटर दूर है लेकिन फिर भी वरुण ग्रह के तुलना में यह काफी नजदीक है अर्थात दुगना नजदीक है।
वरुण ग्रह को नीला ग्रह या ठंडा ग्रह के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह हमारे सौर मंडल के सभी ग्रहों में से सबसे ठंडा है। यम ग्रह सबसे ठंडा ग्रह माना जाता था लेकिन वैज्ञानिकों ने यम ग्रह को ग्रहों की श्रेणी में से निकाल दिया। जिसके बाद अब अरुण ग्रह सबसे ठंडा ग्रह है। जहां पर सतह का सामान्य तौर पर तापमान माइनस -201 डिग्री सेंटीग्रेड से -218 डिग्री सेंटीग्रेड तक रहता है।
अरुण ग्रह की आंतरिक संरचना :-
मित्रों ब्यास के आधार पर अरुण ग्रह सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है। और द्रव्यमान के आधार पर चौथा सबसे बड़ा ग्रह है। द्रव्यमान में यह पृथ्वी से लगभग 14.5 गुना और आकार में पृथ्वी से 63 गुना बड़ा है।
वरुण ग्रह को गैस का ग्रह भी कहा जाता है। क्योंकि इसका घनत्व बहुत कम है। पृथ्वी पर चट्टाने पानी और सब के कारण पृथ्वी का घनत्व बहुत ज्यादा है। छोटा ग्रह होने के बावजूद भी पृथ्वी काफी भारी है लेकिन अरुण ग्रह बड़ा होने के बावजूद भी काफी हल्का है।
क्योंकि यहां पर अणुओं के बीच में घनत्व बहुत कम है। हमारे सौरमंडल के चार ग्रह है जिन्हें गैस का दानव कहा जाता है। क्योंकि इन सभी ग्रहों पर मिट्टी पत्थर के बजाय अधिकतर में गैस है और इसी की वजह से इनका आकार बहुत विशाल है।
इनके नाम बृहस्पति, शनि, अरुण व वरुण है।
अरुण ग्रह मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के बर्फों से बना है जैसे कि जल से, अमोनिया से या मिथेन से। हीलियम का एक बहुत ही छोटा सा भाग अरुण ग्रह के बनावट में काम में आया है। इसे 0.5% कह सकते हैं। यदि यूरेनस ग्रह के संरचना के बारे में और जाना जाए तो हम यह कह सकते हैं कि यह 3 परतों से ढका हुआ है।
जिसके केंद्र के अंदर चट्टान भरी हुई है और वह चट्टान सिलीकेट लोहा या निकील से बनी हुई है। और इसके बाहर की परत बर्फीले मेटल से बनी हुई है और उसके एक बाहरी परत गैस से मिलकर बनी हुई है जो कि हाइड्रोजन और हीलियम से भरी हुई है।
यूरेनस ग्रह के स्मरणीय रोचक तथ्य:-
· मित्रों अरुण ग्रह हमारे पूरे सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह माना जाता है क्योंकि यहां का तापमान -201 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है और इस का अधिकतम तापमान -218 डिग्री सेंटीग्रेड तक रहता है.
· आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि अरुण ग्रह अपनी ओर ही झुककर सूर्य के चक्कर लगाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि जब भी कोई ग्रह सूर्य के चक्कर लगाता है तो थोडा झुकाव सूर्य की तरफ रहता है लेकिन अरुण ग्रह इन सबसे अलग है और वह झुकाव अपनी तरफ से रखता है।
· अरुण ग्रह पर एक मौसम तकरीबन 42 साल तक रहता है।
· यदि आप अरुण घर पर खड़े हो जाए तो आप यह देखेंगे कि यह सूर्य के 42 सालों तक चक्कर लगाता रहता है और 42 साल तक गर्मी और 42 साल तक सर्दी रहती है।
· यह 84 पृथ्वी के वर्षों में अपना एक घूर्णन काल पूरा करता है।
· अरुण ग्रह शनि ग्रह के बाद सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है।
· आपको यह किसी भी चित्र में दिखाई नहीं दिया होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूरेनस ग्रह के भी छल्ले होते हैं। अर्थात इसकी भी चक्रिकायें होती है। लेकिन यह चक्रिकाए बहुत ही सूक्ष्म कणों से मिलकर बनी होती है जो दूर से दिखाई देने में असमर्थ होती है।
· आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अरुण ग्रह के 27 चंद्रमा/उपग्रह है।
· मानव जाति के आधुनिक युग में जो ग्रह सबसे पहले खोजा गया था वह अरुण ग्रह की था।
· अरुण ग्रह छोटा ग्रह है लेकिन यह फिर भी इतना बड़ा है कि आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं। लेकिन जब नंगी आंखों से देखते हैं तब आपको यह एक तारा ही लगता है। आपको यह एक ग्रह के रूप में नजर नहीं आता। और इसी कारण कई 100 वर्षों तक वैज्ञानिकों ने इसे एक तारा समझ कर नकारते रहे। लेकिन बाद में टेलीस्कोप पर देखने से पता चला कि यह है।
· क्या आप यह जानते हैं कि इस ग्रह का मात्र एक बार ही भ्रमण किया गया है। यूरेनस ग्रह का 1986 में 2 उपग्रह के द्वारा भ्रमण किया गया है। जो इस के सबसे निकट पहुंचकर अर्थात 85000 किलोमीटर दूर से इसने अरुण ग्रह का जायजा लिया है।
अरुण ग्रह के दंत कहानियां
· मित्र अरुण ग्रह के जो 27 चंद्रमा है उन सभी के नाम अलेक्जेंडर पोप और शेक्सपियर की रचनाओं के आधार पर रखा गया है। उन सभी चंद्रमा में से 5 चंद्रमाओं के नाम मिरांडा, ओबेरोन और अंबेल एरियल और टाइटेनिया है।
· टाइटेनिया अरुण ग्रह का सबसे बड़ा उपग्रह है और हमारे यहां जिस यूरेनियम का इस्तेमाल होता है उसका नाम भी यूरेनस ग्रह के नाम पर ही रखा गया है।
· ग्रीक के पौराणिक कथाओं की मानी जाए तो यूरेनस ग्रह, शनि ग्रह के पुत्र थे और शनि ग्रह को क्रोनस ग्रह माना गया है। अतः क्रोनस का पुत्र यूरेनस मन गया है। और जानकारी ग्रीक की पुरानी कथाओं में आती है।
Conclusion (निष्कर्ष)
तो मित्रो आज के लेख में हमने आप को अरुण ग्रह के बारे में सारी जानकारी प्रदान प्रदान करी।
हम आशा करते हैं कि आपको आपके सवालों के जवाब मिल चुके होंगे। यदि आपको यह लेख पसंद आया तो कृपया ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
धन्यवाद
FAQ
Q. अरुण ग्रह का रंग कैसा है?
Ans. अरुण ग्रह का रंग नीले और पीले रंग का है।
Q. अरुण ग्रह कितने समय में सूर्य का चक्कर लगाता है?
Ans. मित्रों अरुण ग्रह सूर्य के चक्कर लगाने में अर्थात अपने पथ का एक चक्कर लगाने में 84 वर्षों का समय लेता है। और हम यह कह सकते हैं कि अरुण ग्रह पर एक मौसम तकरीबन 42 वर्षों तक रहता है।