नमस्कार पाठकों
मित्रों आज के लेख में हम वरुण ग्रह के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे आज हम जानेंगे कि वरुण ग्रह क्या है? वरुण ग्रह की आंतरिक संरचना कैसी है? वरुण ग्रह से संबंधित कुछ रोचक तथ्य और अंत में वरुण ग्रह से संबंधित कुछ दंत कहानियों के बारे में हम आज के इस लेख में जानेंगे।
तो चलिए शुरू करते हैं-
वरुण ग्रह क्या है ?
यह हमारे एक सौरमंडल का ग्रह है और यह पृथ्वी से लगभग 17 गुना भारी है। वरुण ग्रह भौतिक रूप से यूरेनस ग्रह से थोड़ा छोटा है। लेकिन घनत्व ज्यादा होने के कारण यूरेनस ग्रह से काफी भारी है। क्योंकि वरुण ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण दबाव बहुत ही ज्यादा है। वरुण ग्रह 164.8 सालों में सूर्य का एक चक्कर लगाता है। इसके पथ की दूरी लगभग 4.5 बिलियन किलोमीटर है। वरुण ग्रह का नाम रोमन पौराणिक कथाओं में समुद्र के देवता के नाम पर रखा गया है इसका एस्टॉनोमिकल चिन्ह त्रिशूल है।
वरुण ग्रह एक छोटा ग्रह है इसीलिए इसे नंगी आंखों से देखना संभव है। वरुण ग्रह को पहली बार 23 सितंबर 1846 में टेलिस्कोप के द्वारा देखा गया था। और यह कार्य जॉन गाले ने किया था।
वरुण ग्रह की आंतरिक संरचना ?
बृहस्पति और शनि ग्रह की तरह ही वरुण ग्रह भी मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम के तत्वों से मिलकर बना है। इसके अलावा यहां पर हाइड्रोकार्बन और नाइट्रोजन के तथ्य भी मिलते हैं। वरुण ग्रह की ऊपरी परत बर्फ से बनी होती है। और इस बर्फ में अमोनिया और मीथेन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है।
वरुण ग्रह में किसी भी प्रकार की कोई सख्त परत नहीं होती है जिसके कारण इस ग्रह पर खड़ा रह पाना भी मुश्किल है क्योंकि यह ग्रह मुख्यरूप से धूल और गैस से मिलकर बना है।
वरुण ग्रह की कुछ रोचक तथ्य –
· मित्रों वरुण ग्रह बहुत ही ज्यादा ठंडा ग्रह है। जब वरुण ग्रह सूर्य से अपने सबसे अधिक दूरी पर होता है तब इसका तापमान -218 डिग्री सेंटीग्रेड का होता है इस ग्रह के केंद्र का तापमान तकरीबन 5100 डिग्री सेल्सियस है।
· वरुण ग्रह पृथ्वी की तुलना में 4 गुना ज्यादा बढ़ा है और इसके कारण इसमें तकरीबन 58 पृथ्वी समा सकती है।
· वरुण ग्रह पर दिन और रात छोटे होते है लेकिन सूर्य का चक्कर लगाने में यह बहुत ही ज्यादा समय लेता है। वरुण ग्रह पर 16 घंटों में एक पूरा दिन समाप्त हो जाता है। अर्थात एक रात और 1 दिन मात्र 16 घंटों में समाप्त हो जाते है।
· लेकिन एक सूर्य का चक्कर लगाने में इसे तकरीबन 165 वर्ष लगते हैं।
· वरुण ग्रह के तकरीबन 14 चंद्रमा (उपग्रह) है। इनके सभी 14 चंद्रमाओं के नाम रोमन पौराणिक कथाओं में समुद्र देवता के नाम पर रखा गया है।
· वरुण ग्रह के भी 5 चक्रिकाए हैं और यह चक्रिका मुख्य रूप से धूल और बादलों से मिलकर बनी है।
· अभी तक वयोगर 2 एक ऐसा स्पेसक्राफ्ट्स जिसने सबसे पहली बार वरुण ग्रह का भ्रमण किया था। अर्थात यह वरुण ग्रह के ऑर्बिट में पहुंच चुका था।
· मित्रों वरुण ग्रह को जीवन रहित माना जाता है क्योंकि ठण्ड के कारण यहां पर जीवन होने की संभावना बिल्कुल भी नगण्य है।
· नेपच्युन ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी की तुलना में 1.14 गुना ज्यादा है।
· वरुण ग्रह और पृथ्वी के आपस में निश्चित दूरी तकरीबन 3 बिलियन किलोमीटर है।
· वरुण ग्रह के ऊपर किसी भी प्रकार की सख्त परत नहीं है यह गैस से भरे हुए ग्रहों की तरह है।
· वरुण ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा का नाम ट्रिटॉन है।
· ट्रिटॉन हमारे पूरे सौरमंडल का सबसे ठंडा चंद्रमा है।
· ट्रिटॉन को छोड़कर के वरुण ग्रह के सारे चंद्रमा बे ढंग के हैं क्योंकि उनका कोई भी निश्चित आकार नहीं है। केवल ट्रिटॉन ही गोलाकार है।
· वरुण ग्रह पर एक बार ऐसा भयानक तूफान आया था जिसका आकार इतना बढ़ा था कि वह पूरी पृथ्वी को निगल सके।
· जितनी दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच में है उसे 30 गुना ज्यादा दूरी सूर्य और वरुण ग्रह के बीच में है।
· वरुण ग्रह पर मिट्टी या पत्थर से ज्यादा गैसों का भंडार है लेकिन फिर भी अरुण ग्रह की तुलना में काफी ज्यादा घनत्व है। वरुण ग्रह का घनत्व अरुण ग्रह की तुलना में काफी अधिक है।
· वरुण ग्रह मात्र एक ऐसा ग्रह है जिस पर कोई भी निशानियां धब्बे नहीं है। यह पूरा का पूरा चिकना ग्रह है। इस पर किसी भी प्रकार की कोई पहाड़ या विशाल खड्डे नहीं है।
वरुण ग्रह के बारे में काफी दन्त कहानियां भी मशहूर है
वरुण ग्रह को अंग्रेजी में नेपच्युन (neptune) कहा जाता है। लेकिन यह नाम नेपच्युन रोमन पौराणिक कथाओं में से आया है। जहां समुद्र के देवता को नेपच्युन से पुकारा जाता था। और समुद्र देवता, आकाश के देवता को जून नेपच्युन कहा जाता था क्योंकि उनका रंग नीला था। और यदि नेपच्युन ग्रह की वास्तविक रंग देखा जाए तो उसका रंग भी गाढ़ा आसमानी है।
वरुण ग्रह से जुड़े कुछ FAQ-
Q. क्या नेपच्युन ग्रह पर हीरो की बरसात होती है?
Ans. वरुण ग्रह के ऑर्बिट पर अभी तक केवल वोयागर 2 नामक स्पेसक्राफ्ट पहुंचा है। और जैसा स्पेसक्राफ्ट ने रिकॉर्ड किया है वरुण ग्रह पर किसी भी प्रकार की कोई भी हीरो की वर्षा नहीं हुई है यह एक मिथक कहानी है।
Q. क्या डायमंड ग्रह जैसी कोई चीज होती है?
Ans. वह सभी ग्रह जिस पर कार्बन की मात्रा बहुत ही ज्यादा हो उस ग्रह पर हीरो के होने की आशंका बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है। तो यह कहना गलत नहीं होगा कि ब्रह्मांड में कोई डायमंड ग्रह नहीं है। लेकिन अभी तक कोई भी डायमंड ग्रह जैसा ग्रह मिला नहीं है।
Q. क्या हमने नेपच्युन ग्रह पर जिंदा रह सकते हैं?
Ans. जी नहीं! हम वरुण ग्रह पर जिंदा नहीं रह सकते क्योंकि नेपच्युन ग्रह बहुत ही ज्यादा ठंडा ग्रह है और इतनी ठंड में कोई भी जीवन अपने अस्तित्व में नहीं आ सकता है।