हम कहीं पर भी अगर आगरा का नाम सुनते हैं तो हमारे मन में सबसे पहले ताजमहल का ही ख्याल आता है। सफेद संगमरमर से बना हुआ यह महल प्रेम की निशानी को दर्शाता है। ताजमहल को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के मर जाने के बाद उनकी याद में बनवाया था। ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक अजूबा है। ताजमहल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहरों में दूसरे नंबर पर रखा गया है।
भारत के मुख्य पर्यटक स्थलों में से ताजमहल एक है जिससे कि भारत को टूरिज्म कि क्षेत्र में बढ़ावा मिलता है। ताजमहल के पीछे बहुत ही रोचक कहानियां और रहस्य है आइए जानते हैं ताजमहल के इतिहास के बारे में।
ताजमहल का इतिहास-
आगरा का ताजमहल उत्तर प्रदेश क़े तीसरे सबसे बड़े जिले मे स्थित है। आगरा का ताज़महल भारत की शान है। इतिहास क़े अनुसार देखा जाए तो इब्राहिम लोदी ने आगरा को सन् 1504 में बसाया था। जिस समय शहर की स्थापना की गई होगी उस समय किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा की यहां पर विश्व का सातवां अजूबा ताजमहल बनेगा।
ताजमहल को शाहजहाँ ने अपनी तीसरी बेगम मुमताज़ क़े गुजर जाने क़े बाद उनकी याद मे बनवाया था। ऐसा कहा जाता है की मुमताज़ ने मरते वक्त अपना मकबरा बनाने की खावाइस शाहजहाँ से जताई थीं। ताजमहल मुमताज़ का मकबरा है। ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया है ताजमहल क़े चारो कोने पर मीनारे बनी हुई है। इस खूबसूरत महल को बनाने क़े लिए शाहजहाँ ने बगदाद और तुर्की से कारीगरों को बुलाया गया था।
ताजमहल को बनाने क़े लिए अलग-अलग जगहों से कारीगरों को बुलाया गया था, बगदाद से एक कारीगर बुलाया गया था जो पथ्थरों पर अक्षर को तारास्ता था, बुखारा से एक कारीगर बुलाया गया था जो संगमरमर पर फूल बनाने का काम करता था, गुम्बदो को बनाने क़े लिए तुर्की क़े इसताम्बूल से दक्ष कारीगरों को बुलाया गया था, अलग-अलग जगहों से तरह तरह क़े कलाकारों को ताजमहल का निर्माण करने क़े लिए बुलाया गया था।
ताजमहल को सन् 1630 मे बनाना शुरू किया गया था जो की करीब 22 वर्षो मे पूर्ण हुआ। जिसे करीब 20 हज़ार मजदूरों ने मिलकर बनाया था। मुग़ल बादशाह इसे अपनी मोहब्बत मुमताज़ की याद मे बनवाये थे जिसे खूबसूरती क़े नायब हिरे क़े नाम से जाना जाता है। ताजमहल क़े निचले हिससे मे मुमताज़ महल और शाहजहाँ की क़ब्र आमने सामने बनी हुई है। यमुना नदी क़े किनारे पे बना हुआ ये ताजमहल भारत ही नहीं बल्कि पुरे विश्व मे अपना पहचान बना चूका है।
ताजमहल का रहस्य :
ताजमहल को किसने बनवाया था, यह आज भी रहस्य है। ताजमहल का सबसे बड़ा रहस्य है की इसको शाहजहाँ क़े द्वारा नहीं बनवाया गया था। एक पुस्तक जिसका नाम ‘द ट्रू स्टोरी ऑफ ताजमहल’ है उसमे यह लिखा है की ताजमहल एक शिव मंदिर था, जिसे आगरा मे रहने वाले राजपूतो ने बनवाया था। ऐसा कहा जाता है की राजपूतो ने शाहजहाँ को यह मंदिर भेट की तौर पर दे दिया था।
ताजमहल को शाहजहाँ ने नहीं बल्कि समुद्रगुप्त ने छठवीं शताब्दी मे इसको बनवाया था। जिस जगह पर आज ताजमहल है उस जगह पर एक समय मे शिव मंदिर हुआ करता था जिसे तेजोम्हालय क़े नाम से लोग जानते थे। मंदिर क़े छत से पानी की बूँद टपकती थीं जो शिव जी क़े शिवलिंग पे बूंद बूंद गिरता था।
शाहजहाँ यह चाहते थे की वो अपने बेगम मुमताज़ क़े लिए सफ़ेद ताजमहल बनवाने क़े बाद, अपने लिए एक कला ताजमहल बनवाये लेकिन उनका ये सपना, सपना ही रह गया क्योंकि उनके बेटे ने उनको कैद कर लिया था।
एक बात जो सबको हैरान करती है वो यह है की ताजमहल का रंग बदलता रहता है, ऐसा कहा जाता है की सुबह क़े समय मे ताजमहल गुलाबी रंग का दीखता है, शाम को दूधिया सफ़ेद दीखता है और रात मे सुनहरे रंग का दीखता है।
क्या ताजमहल हिन्दू मंदिर है?
एक बहुत ही प्रशिद्ध साहित्यकार श्री. पी. एन. ने अपनी किताब Taj mahal is a Hindu Temple Palace” और “Taj Mahal: The True Story” मे 100 से भी ज्यादा ऐसे प्रमाण दिए है, जिससे यह साबित होता है ताजमहल एक शिव मंदिर था। जिसको ताजमहल से पहले तेजो महालय क़े नाम से जाना जाता था।
श्री पी.एन. ने दावा किया की शाहजहाँ से लेकर औरंगजेब क़े राज मे ताजमहल का नाम किसी भी अख़बार या फिर शाही दस्तावेजो मे नहीं पाया गया है। उन्होंने ये बताया की महल मुस्लिम शब्द नहीं बल्कि हिन्दू शब्द है।
ताजमहल की संरचना एवं उसके विभिन्न हिस्से :
ताजमहल की संरचना की बात करें तो यह मुगल कला पर पूरी तरीके से आधारित है। बहुत सारी इमारतें जैसे हुमायूँ का मकबरा, इतमादूद – दौलाह का मकबरा और शाहजहाँ की दिल्ली की जामा मस्जिद यह सभी ताजमहल की मुग़ल कला पर आधारित है।
मुगल शासकों के दौरान जितने भी इमारते बनाई गई है सभी इमारतें लाल पत्थरों की मदद से बनाई गई है, लेकिन शाहजहां ने ताजमहल को बनवाने के लिए सफेद संगमरमर मंगवाए।
ताजमहल को बनाने के लिए अलग-अलग जगहों से कारीगरों को बुलाया गया था जिन्होंने संगमरमर पर नक्काशी की और ताजमहल की दीवारों को बेहद ही खूबसूरत बनाया।
1- ताजमहल की 4 मीनारे:
ताजमहल के चारों कोने पर मीनारें बनाई गई है जिसकी ऊंचाई 40 मीटर है। जैसे मस्जिदों में अजान देने के लिए मीनारें बनाई जाती है ठीक उसी तरह ताजमहल में भी मीनारें बनाई गई है।
चारों मीनारों को हल्का बाहर की तरफ झुका हुआ बनाया गया है ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अगर मीनारें गिरती है तो यह बाहर की तरफ ही गिरे जिससे कि मुख्य ताजमहल को कोई नुकसान ना पहुंचे।
2- ताजमहल के ऊपर बना गुंबज:
ताजमहल के ऊपर बना गुंबज जो है वह मुमताज महल के मकबरे के ऊपर बना हुआ है। इस गुंबज को सफेद संगमरमर से बनाया गया है, इस गुंबज को देखा जाए तो यह एक उल्टे कलश की तरह है। यह गुंबज हिंदू तथा फारसी कला को दर्शाता है।
3- ताजमहल की बाहरी सजावट एवं सुंदरता:
ताजमहल मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। ताजमहल की दीवारों पर नक्काशी की गई हुई है और हीरे जड़े हुए हैं जो इसकी शोभा को और भी ज्यादा बढ़ा देता है।
ताजमहल का निर्माण बहुत ही विभिन्न तरह के संगमरमर के पत्थर और रत्नों की मदद से किया गया है जो कि इसकी बाहरी सजावट एवं सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ा देती है।
4- ताजमहल के अंदर का मकबरा:
ताजमहल की केंद्र की बात करें तो ताजमहल के केंद्र में मुमताज महल का मकबरा स्थित है। जिसे सफेद संगमरमर की मदद से बनाया गया है इस मकबरे के ऊपर एक बहुत ही बड़ा गुंबज है जो इसकी शोभा को और भी बढ़ा देता है।
मुमताज के मकबरे की बात करें तो यह लगभग 42 एकड़ में फैला हुआ है, इसके चारों तरफ बगीचा है मकबरे को तीन तरफ से दीवारों से घेरा गया है।
5- ताजमहल का मेन गेट:
ताजमहल की मेन गेट पर एक बहुत ही सुंदर सुलेख लिखा हुआ है “हे आत्मा ! तू ईश्वर के पास विश्राम कर, ईश्वर के पास शांति के साथ रहे तथा उसकी पूर्ण शांति तुझ पर बरसे।”
जैसे ही आप ताजमहल के मेन गेट से प्रवेश करेंगे आपको एक अलग ही शांति का अनुभव होगा।
विश्व धरोहर के रूप में ताजमहल:
ताजमहल की बात करें तो यह भारत के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में गिना जाता है। सफेद संगमरमर से बना हुआ ताजमहल प्रेम की निशानी है। अगर कोई आगरा घूमने जाता है तो उसे ताजमहल जरूर घूमना चाहिए क्योंकि सात अजूबों में से एक है।
ताजमहल केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक बहुत ही पसंदीदा पर्यटक स्थल बन गया है। हर वर्ष ताजमहल को देखने के लिए लगभग 7 से 8 लाख पर्यटक आया करते हैं।
ताजमहल को देखने के लिए आए हुए पर्यटकों से भारत सरकार का एक मुख्य आय का स्रोत है। इसे देखने के लिए विश्व भर से लोग आते हैं। 2007 में ताजमहल ने सात अजूबों में अपनी जगह एक बार फिर बना ली है। विश्व धरोहर की सूची में ताजमहल को दूसरा स्थान मिला हुआ है।
भारत का पर्यटक स्थल ताजमहल-
ताजमहल भारत के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक स्थल है। यहां हर रोज हजारों की तादाद में लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है, देश-विदेश से लोग आते हैं ताजमहल की खूबसूरती को देखने के लिए। यहां पर उस समय सबसे ज्यादा भीड़ होती है जब ताज महोत्सव होता है जो कि पर्यटक संस्था द्वारा कराया जाता है। भारत सरकार को इस पर्यटक स्थल से भी बहुत अच्छी खासी आए होती है।
ताजमहल को अगर सितंबर और नवंबर के महीने में देखने जाया जाए तो और बेहतर रहेगा क्योंकि इस समय आगरा मे कम गर्मी पड़ती है और आप अच्छी तरीके से ताजमहल के व्यू को देख पाएंगे।
ताजमहल का नाम ताजमहल क्यों पड़ा:
ऐसा कहा जाता है कि मुमताज के नाम पर ताजमहल का नाम ताजमहल पड़ा था। शाहजहां ने मुमताज की याद में इस इमारत को बनवाया था इसलिए इस इमारत का नाम मुमताज के नाम पर ही पड़ गया।
कुछ किताबे है जो कि यह दावा करती है कि ताजमहल पहले शिव मंदिर हुआ करता था जिसका नाम तेजो महालय था लेकिन शाहजहां ने इसको मस्जिद में बदलवा दिया और इसका नाम ताजमहल रख दिया।
ताजमहल प्रेमियों की पहली पसंद :
ताजमहल एक तरह से प्रेम का प्रतीक है। जिसे मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी का सम्मान करते हुए बनवाया था। ऐसा कहा जाता है शाहजहां ने इसे अपनी बेगम की याद में बनवाया था और अधिकतर लोग ताजमहल में घूमने कपल्स ही जाते हैं क्योंकि इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
FAQ ( ताजमहल से जुड़े कुछ सवाल)-
1- ताजमहल का असली नाम क्या था?
Ans: ताजमहल का असली नाम तेजो महालय था, जो कि एक शिव मंदिर हुआ करता था जिसे शाहजहां ने मस्जिद में बदलवा दिया और उसका नाम ताजमहल रख दिया।
2- ताज महल कितने साल पुरानी इमारत है?
Ans: ताजमहल का निर्माण कार्य 1652 में खत्म हुआ था इस हिसाब से देखा जाए तो ताजमहल 368 या 359 साल पुरानी इमारत है।
3- क्या ताजमहल का रंग बदलता है?
Ans: ताजमहल का रंग नहीं बदलता है, ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया है जिसकी वजह से जब उस पर धूप पड़ती है तो वह गुलाबी कलर का नजर आता है और रात की चांदनी की वजह से वह सुनहरे रंग का नजर आता है।
4- क्या शाहजहां ने ताजमहल के कारीगरों के हाथ काट दिए थे?
Ans: जिन कारीगरों के द्वारा ताजमहल को बनाया गया था उनके हाथ नहीं काटे गए थे बल्कि शाहजहां ने उन्हें जिंदगी भर के पगार देने का वादा किया था और उनको कहीं और काम करने से मना किया था।
5- ताजमहल को बनाने में कितने कारीगरों ने काम किया था?
Ans: ताजमहल को बनाने के लिए करीब 20 हज़ार कारीगरों ने अपना योगदान दिया था।
6- ताजमहल को बनने में पूरा कितना समय लगा था?
Ans: ताजमहल की नीव 1630 में रखा गया था और ताजमहल 1652 में जा कर तैयार हुआ था। ताजमहल को बनने में लगभग 22 साल लगे थे।
7- ताजमहल की कीमत कितनी है?
Ans: ताजमहल की कीमत का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है क्योंकि यह सात अजूबों में से एक है और यह भारत सरकार की एक धरोहर है और सरकारी धरोहर की कीमत नहीं लगाई जा सकती।
8- ताजमहल किसने बनवाया और क्यों?
Ans: ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया था अपनी बेगम मुमताज महल की याद में
9- ताजमहल में क्या राज है?
Ans: एक पुस्तक है जो यह दावा करती है कि ताजमहल पहले शिव मंदिर हुआ करता था, जिसे आगरा में रहने वाले राजपूतों ने बनवाया था।
10- क्या ताजमहल शिव मंदिर था?
Ans: एक बहुत ही प्रसिद्ध साहित्यकार अपनी किताब ‘द ट्रू स्टोरी ऑफ ताजमहल’ में 100 से ज्यादा ऐसे तर्क दिए हैं जिससे यह पता चलता है कि ताजमहल पहले शिव मंदिर था।