चर्चा में क्यों ?
यह भारत का ऐतिहासिक दिन है, कि हड़प्पा कालीन शहर धोलावीरा को विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया गया।UNESCO ने 27 जुलाई 2021 को विश्व धरोहर समिति की 44 में (16 जुलाई- 31 जुलाई )बैठक में शामिल किया गया।यह बैठक चीन के फ्यूजोम शहर में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से हुआ था। भारत सरकार ने वर्ष 2020 में धोलावीरा को ढक्कन सल्तनत के साथ विश्व धरोहर स्थल की सूची में नामांकन के लिए प्रस्तावित किया था। इस ऐतिहासिक शहर को कोटडा टिंबा के नाम से भी जाना जाता था।
शहर की महत्वपूर्ण जानकारी:-
यह शहर भारत के गुजरात राज्य के कच्छ जिले में कच्छ मरूभूमि वन अभ्यारण के अंदर खादिर बेट द्वीप पर स्थित है। इस ऐतिहासिक शहर की खोज भारतीय पुरातात्विक विभाग के सदस्य जगतपति जोशी ने 1967-1968 में किया, परंतु इसकी विस्तृत खोज 1990- 91 में रविंद्र सिंह वेस्ट ने किया।
- यह शहर अपनी विशिष्ट जल संरक्षण प्रणाली, कई स्तर की सुरक्षा प्रणाली, कई तरह के दाह संस्कार नियम के लिए जाना जाता था।
- यह शहर हड़प्पा कालीन शहरों में पांचवा सबसे बड़ा शहर था।
- यह शहर 47 हेक्टर में चतुर्भुजी आकार में फैला था।
- इस शहर में 2650 ईसा पूर्व से 210 ईसा पूर्व तक लोग रहते थे,फिर 1450 ईसा पूर्व से लोग रहना आरंभ करने लगे।
- यह शहर बंदरगाह तथा निर्माण में पत्थरों की अत्यधिक उपयोग के लिए भी प्रसिद्ध है।
- यह शहर व्यापार का मुख्य केंद्र के साथ ही व्यापारियों का निवास स्थान भी था।
- इसे कुबेरो का महानगर कहा जाता था।
- इस शहर के महाद्वार के ऊपर उस समय का साइन बोर्ड पाया गया जिस पर 10 बड़े अक्षरों में कुछ लिखा है।
महत्वपूर्ण रोचक जानकारी :-
- यह भारत का 40 वा विश्व धरोहर स्थल है।
- इससे पहले रामप्पा मंदिर को इस सूची में शामिल किया गया।
Note:-भारत का पहला विश्व धरोहर स्थल अजंता की गुफा को 1983 में शामिल किया गया।
- धोलावीरा गुजरात के चौथा विश्व धरोहर स्थल है,इससे पहले गुजरात राज्य के 3 धरोहर स्थल पावागढ़ के चंपानगर ,पाटन के रानी का वाह और अहमदाबाद शहर को शामिल किया गया।
- इस धोलावीरा शहर के साथ भारत में 40 विश्व धरोहर स्थल हो गया,जिसमें 32 सांस्कृतिक 7 प्राकृतिक और एक मिश्रित श्रेणी की हैं।
- धोलावीरा सांस्कृतिक एवं भौतिक पहचान के लिए शामिल किया गया।
- भारत अब ब्राउन देशों की श्रेणी में शामिल हो गया, जिसमें 40 से 49 स्थल वाले देश होते हैं। इसमें भारत के साथ स्पेन ,जर्मनी फ्रांस हैं।
- भारत कुल विश्व धरोहर स्थल की सूची में छठा स्थान पर है।
- सबसे ज्यादा विश्व धरोहर स्थल इटली( 57 )तथा चीन( 56)में है।
- 1978 से 2014 तक कुल 30 स्थानों तथा 2014 से 2021 तक कुल 10 भारतीय स्थलों को इस सूची में शामिल किया गया।
विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के फायदे:-
- विश्व धरोहर स्थान में शामिल होने से वह स्थान पर्यटन का केंद्र बन जाता है, जिससे वहां पर्यटक आते हैं और रोजगार में बढोतरी होता है।
- इससे लोग इस स्थान के बारे में जानेंगे देश विदेश में यह इसकी विशिष्ट पहचान बनेगी।
- सरकार इसकी समय-समय पर फंडिंग, देखभाल, संरक्षण के लिए उचित कदम उठाएगी।
- भारत के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पहचान में बढ़ोतरी होगी। इस स्थल की प्राचीन विशेषता के बारे में लोग जानेंगे।
उम्मीद है आप लोगों को यह जानकारी बहुत अच्छी लगी होगी।
धन्यवाद !