AD vs BC: क्या आप जानते हैं कि दुनिया भर में लोग समय की गणना के लिए विभिन्न मापदंडों का उपयोग करते हैं? लेकिन इसके बावजूद, आज के समय में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले मापदंड हैं ‘ईसवी’ और ‘ईसा पूर्व’। ये दो मापदंड समय की गणना के लिए होते हैं और उन्हें उत्तरी यूरोप में मध्ययुगीन काल से शुरू किया गया था। इस लेख में, हम इन मापदंडों के अलावा अन्य मापदंडों के बारे में भी बात करेंगे जो समय की गणना के लिए उपयोग किए जाते हैं। तो चलिए, इस रोचक और जानकारीवर्ती लेख में आगे बढ़ते हैं।

ईसवी और ईसा पूर्व का मतलब क्या है?
ईसवी (AD) और ईसा पूर्व (BC) दोनों तारीखों को वर्ष का मापदंड होते हैं। “AD” का अर्थ होता है “Anno Domini” जो लैटिन शब्द है और “यीशु के जन्म के बाद” का अर्थ होता है। जबकि “BC” का अर्थ होता है “Before Christ” जो भी लैटिन शब्द है और “यीशु के जन्म से पहले” का अर्थ होता है।
ईसवी और ईसा पूर्व का मतलब यह है कि इन दोनों मापदंडों के माध्यम से हम वर्षों को गणना करते हैं और उन्हें एक मानक समझ में रखते हैं। इन मापदंडों का उपयोग ख्रिस्ती धर्म के समय से किया जाता है जब यीशु मसीह का जन्म हुआ था।
कैसे तय हुआ ईसवी और ईसा पूर्व का मापदंड?
ईसवी (AD) और ईसा पूर्व (BC) का मापदंड पहली बार ग्रीक मैथमेटिकियन और ख्रोनोलॉजिस्ट थेओडोर ऑफ मोस्टिस (Theodore of Mopsuestia) द्वारा निर्धारित किया गया था। उन्होंने यीशु मसीह के जन्म के समय को मानक रूप से चुना।
दो हजार वर्ष पूर्व, जब यीशु का जन्म हुआ था, तब भी वर्षों की गणना होती थी। लेकिन उस समय कुछ लोग इसे अलग-अलग तरीकों से गणना करते थे। इससे लोगों के बीच में भेदभाव उत्पन्न होता था और वर्षों की गणना में असुविधा होती थी।
14वीं शताब्दी तक, ईसा पूर्व का मापदंड “यूस्तिनियन अभिधानकोष” (Justinian Code) के माध्यम से निर्धारित किया गया था। इसमें ईसा पूर्व को “वर्ष सूचकांक” (Anno Mundi) कहा जाता था। लेकिन, यह मापदंड ख्रिस्ती धर्म के बाहर के लोगों द्वारा अपनाया नहीं गया था।
बाद में, जब यूरोप में चल रही थी मध्यकालीन युद्धों की अवधि में, ईसवी और ईसा पूर्व के मापदंड को बढ़ावा मिला। यह उत्तरी यूरोप में प्रचलित “चूर्णित उत्तर” (Northern Reckoning) तथा दक्षिणी यूरोप में प्रचलित “सूर्य उत्तर” (Solar Reckoning) के माध्यम से गणा जाता था। इन मापदंडों में से, “सूर्य उत्तर” मापदंड को ज्योतिष विद्या के आधार पर निर्धारित किया जाता था, जबकि “चूर्णित उत्तर” मापदंड को चार्ल्स मार्टेल के समय के लिए निर्धारित किया गया था।
धीरे-धीरे, ईसा पूर्व का मापदंड स्थायी हो गया, जो आधुनिक समय तक चला आया। आधुनिक दुनिया में, इस मापदंड के अनुसार, 1 ईसवी को “मसीह के जन्म के बाद” कहा जाता है, जबकि 1 ईसा पूर्व को “मसीह के जन्म से पहले” कहा जाता है।
क्यों हुआ ईसवी और ईसा पूर्व का इस्तेमाल?
ईसवी (AD) और ईसा पूर्व (BC) का इस्तेमाल ईसाई धर्म के उत्पत्ति से संबंधित है। 6 वीं शताब्दी में ग्रीक-लैटिन भाषा के पांच अक्षरों से मिलकर शब्द “ईसुस” (Iesous) बनाया गया था, जो यीशु का ग्रीक नाम था। इसके बाद, यीशु को “ईसा” (Jesus) के रूप में जाना जाने लगा, जो लैटिन भाषा के “ईसुस” (Iesus) से आया था।
ईसवी और ईसा पूर्व का इस्तेमाल उस समय से शुरू हुआ जब यह मापदंड उपयुक्त समझा गया कि यीशु का जन्म 1 ईसवी में हुआ था। यह मापदंड उपयोगी था क्योंकि यह यीशु के जन्म के समय तक की गणना को सरल बनाता था। यह मापदंड ईसाई धर्म के समय से लगातार उपयोग में है और इसे आधुनिक दुनिया में भी उपयोग किया जाता है।
ईसवी और ईसा पूर्व के अलावा अन्य मापदंड क्या हैं?
ईसवी और ईसा पूर्व के अलावा भी कुछ मापदंड हैं जो इतिहास में उपयोग किए जाते थे।
जलीय संख्या – यह मापदंड आधुनिक जमाने से पहले के इतिहास में उपयोग किया जाता था। जलीय संख्या सिर्फ गिनती के लिए उपयोग किया जाता था, जहाँ प्रत्येक वर्ष को अलग-अलग नाम दिया जाता था।
समयगणना आधारित मापदंड – इस मापदंड में समय की गणना एक विशिष्ट घड़ी से होती है। इस मापदंड का उपयोग प्राचीन चीन, भारत और इस्लामिक सभ्यताओं में हुआ।
राजवंशी मापदंड – यह मापदंड राजवंशों के नामों के अनुसार होता है। इस मापदंड का उपयोग प्राचीन भारत में हुआ था।
इन मापदंडों के अलावा भी कई अन्य मापदंड हैं जो इतिहास में उपयोग किए जाते थे।
इस लेख में, हमने देखा कि ईसवी और ईसा पूर्व दोनों मापदंड हैं जो समय की गणना के लिए उपयोग किए जाते हैं। इन मापदंडों का उपयोग उत्तरी यूरोप में मध्ययुगीन काल से शुरू हुआ था। इनके अलावा, अन्य मापदंड भी हैं जैसे जलीय संख्या, समयगणना आधारित मापदंड, राजवंशी मापदंड और बैबिलोनियन मापदंड। हालांकि, यह ध्यान देने वाली बात है कि ईसवी और ईसा पूर्व के अलावा, अधिकांश संसार के अन्य क्षेत्रों में भी समय की गणना के लिए अलग-अलग मापदंड होते हैं।