विश्व के अधिकांश देश एवं अंतरराष्ट्रीय संस्था अपने स्तर पर पर्यावरण के संरक्षण, विकास के लिए काम करते है। इसी क्रम में कई क्षेत्रों को बायोस्फीयर रिजर्व (जीवमंडल रिजर्व), राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभ्यारण्य , रामसर स्थल घोषित कर क्षेत्र को संरक्षण प्रदान कर पर्यावरण एवं जैव विविधता को संरक्षित किया जाता है।
इसी उद्देश्य के तहत संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन ( UNESCO) ने मुरा – द्रवा – डेन्यूब को दुनिया के पहले 5 देशों में फैले बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामित किया है। यह बायोस्फीयर रिजर्व यूरोप की नदी मुरा, द्रवा और डेन्यूब के तटवर्ती इलाके में फैली हुई है।
मुरा – द्रवा – डेन्युब बायोस्फीयर रिजर्व क्या है ?
यूनेस्को द्वारा घोषित यह बायोस्फीयर रिजर्व यूरोप के 5 देश ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया, क्रोएशिया , हंगरी और सर्बिया के 700 किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत यह अपने तरह का पहला बायोस्फीयर रिजर्व है, इस का कुल क्षेत्रफल 10 लाख हेक्टेयर है, इस क्षेत्र में करीब 9 लाख लोग रहते हैं।
Note:- डेन्यूब नदी यूरोप की सबसे लंबी नदी वोल्गा के बाद दूसरी सबसे लंबी नदी है, इसकी कुल लंबाई 2858 किलोमीटर है , यह जर्मनी के काला पर्वत से निकलकर यूरोप के 10 देशों से होते हुए रोमानिया में काला सागर में गिरती है। मुरा तथा द्रवा इसकी सहायक नदी है।
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) के अनुसार 2.5 लाख से अधिक प्रवासी पक्षी प्रतिवर्ष यहां आते हैं और अपना कुछ समय बिताते हैं।
यह बायोस्फीयर रिजर्व जैव विविधता के क्षेत्र में काफी संपन्न है ,यहां पर कई तरह की वनस्पति एवं जीव जंतु पाए जाते हैं, यहां पर सफेद पूछ वाला चील भी पाया जाता है, इसके साथ ही संकटग्रस्त जीव लिटिल टर्न, बैक स्ट्रोक ,ऊदबिलाव, बीवर भी पाया जाता है।
बायोस्फीयर रिजर्व में बाढ़ के जंगल, बजरी और रेत के किनारे ,नदी द्वारा निर्मित गोखुर झील ,घास के मैदान आदि काफी ज्यादा पाया जाता है।
इस बायोस्फीयर रिजर्व के विस्तृत क्षेत्र , जैव विविधता की संपन्नता को देखकर इसे यूरोप का अमेजॉन कहा जाता है।
मुरा – द्रवा – डेन्यूब बायोस्फीयर रिजर्व का महत्व :-
◆ यह यूरोप का सबसे बड़ा संरक्षित नदी क्षेत्र है, इससे यूरोप में जैव विविधता एवं प्राकृतिक संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
◆ यह बायोस्फीयर रिजर्व यूरोपीय ग्रीन डील के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में होगा ।
यूरोपीय ग्रीन डील क्या है – यह जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में यूरोपीय संघ द्वारा उठाया गया कदम है, इसके अंतर्गत यूरोपीय संघ का लक्ष्य है की 2050 तक यूरोप जितना कार्बन का उत्सर्जन करेगा ,उतना ही कार्बन का अवशोषण करेगा।
◆ इसके तहत यूरोपीय संघ 25000 किलोमीटर नदियों को पुनर्जीवित करने के साथ ही यूरोप की 30 पर्सेंट भूमि क्षेत्र की रक्षा करना है।
◆ बायोस्फीयर रिजर्व से पर्यटन को बढ़ावा देकर धन राशि की प्राप्ति होती है, यहां पर एक साइकिलिंग मैराथन भी करवाया जाता है।
◆ इस बायोस्फीयर रिजर्व के क्रोएशिया एवं हंगरी में पड़ने वाले भाग को 2012 में ही बायोस्फीयर रिजर्व की मान्यता प्राप्त हो गई।
बायोस्फीयर रिजर्व क्या होते हैं :-
पौधे एवं जीव जंतु के संरक्षण एवं जैव विविधता को बचाए रखने के लिए सीमित मानवीय गतिविधि के साथ संरक्षित क्षेत्र को बायोस्फीयर रिजर्व कहा जाता है ।
बायोस्फीयर रिजर्व को राष्ट्रीय सरकार द्वारा नामित एवं संरक्षित किया जाता है तथा यह राष्ट्रीय एवं राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है ।
अंतरराष्ट्रीय पहचान ,सहयोग एवं संरक्षण के लिए इसे यूनेस्को द्वारा नामित किया जाता है, इसके लिए बायोस्फीयर से संबंधित निर्णय MAB ( Man and the biosphere) – अंतर्राष्ट्रीय समन्वय समिति ( International Co-ordinating council) के द्वारा लिया जाता है।
बायोस्फीयर रिजर्व का संरचना:-
इसके 3 मुख्य क्षेत्र होते हैं ।
कोर क्षेत्र – यह पूर्णता प्रतिबंधित क्षेत्र होता है, यहां पर जीवो को संरक्षण दिया जाता है ।
बफर क्षेत्र – यह कोर क्षेत्र को चारों तरफ से संरक्षण प्रदान करता है, इस क्षेत्र में सीमित मानव गतिविधि की अनुमति होती है। जैसे- वैज्ञानिक अनुसंधान ,निगरानी ,प्रशिक्षण।
संक्रमण क्षेत्र – यहां पर मानव को आर्थिक एवं मानवीय गतिविधि करने की अनुमति होती है। यहां पर लोग निवास भी करते हैं।
विश्व के लगभग 131 देशों में कुल 727 बायोस्फीयर रिजर्व है, जिनमें करीब 22 ऐसे बायोस्फियर रिज़र्व है, जोकि एक से अधिक देशों में फैला है। इनमें दो बायोस्फीयर रिजर्व 2 महाद्वीपों में फैला है।
MAB प्रोग्राम:-
यूनेस्को की स्थापना 1945 में हुआ, इसका मुख्यालय पेरिस में है ,वर्तमान में इसके कुल सदस्य की संख्या 195 है। यूनेस्को ने 1971 में मेन एंड बायोस्फीयर रिजर्व प्रोग्राम को लांच किया।इसका उद्देश्य स्थानीय समुदाय एवं पर्यावरण के बीच समन्वय के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाना है।
1986 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय बायोस्फीयर रिजर्व कार्यक्रम (NBRP) को आरंभ किया ।
भारत में बायोस्फियर रिज़र्व-
भारत में कुल 18 बायोस्फीयर रिजर्व है जिनमें 12 को यूनेस्को द्वारा नामित किया गया है। हाल ही में नामित होने वाला बायोस्फीयर रिजर्व मध्य प्रदेश के पन्ना बायोस्फीयर रिजर्व है और सबसे पहले शामिल होने वाला बायोस्फीयर रिजर्व नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व है। कच्छ बायोस्फीयर रिजर्व भारत का सबसे बड़ा बायोस्फीयर रिजर्व है।