भारत कोरोना वायरस से छुटकारा ही नहीं पाया कि एक और वायरस की फैलने की खबर आई है। कोरोना से प्रभावित सबसे प्रमुख राज्यों में से एक राज्य केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के संक्रमण से एक 12 बरस के लड़के की मौत हो गई है। अब तक केरल में 188 संक्रमित लोगों को आइसोलेट किया गया है। जिनमें करीब 20 लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक संक्रमण के स्रोत की जानकारी नहीं मिली है ।
निपाह वायरस क्या है ?
निपाह वायरस एक जूनोटिक (zoonotic) वायरस है। जिसका अर्थ है यह जानवरों से मनुष्य में फैला है। अब यह वायरस मनुष्य से मनुष्य में फैलने लगा है। सबसे पहले इस वायरस की पहचान 1998 में मलेशिया तथा 1999 में सिंगापुर में की गई। मलेशिया में यह वायरस सूअर तथा इंसानों में पाया गया था। भारत में वायरस 2001 में सिलीगुड़ी में आया तथा 2007 में नदिया जिला में काफी लोगों में संक्रमण को देखा गया। 2018 में केरल के कोझिकोड में ही निपाह वायरस का पहला केस सामने आया। 2004 में बांग्लादेश में पता चला कि यह वायरस चमगादड़ से फैलता है। सबसे बड़ी चिंताजनक बात यह है कि इस वायरस में मृत्यु दर अधिक रहती है।
जो कि करीब 70 पर्सेंट के आसपास है।
उदाहरणस्वरूप :-
मलेशिया में 265 संक्रमित लोगों में से 105 की मौत हो गई। 2001 में सिलीगुड़ी में 65 संक्रमित लोगों में से 45 की मौत हो गई। 2007 में नदिया में पांच संक्रमित लोगों में से पांचों की मौत हो गई तथा केरल 2018 में 18 संक्रमित लोगों में से 17 की मौत हो गई। परंतु राहत की बात यह है ,कि यह वायरस तेजी से नहीं फैलता है।
यह वायरस कैसे फैलता ?
• यह वायरस चमगादड़ और सुअर से फैलता है। सूअर के सीधे संपर्क से या सूअर के मांस खाने से फैलता है।
• वैसा फल जिसे चमगादड़ ने दूषित कर दिया हो या कांटा हो खाने से फैलता है।
• संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क या उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए कपड़े शौचालय एवं उनके शरीर से निकले तलक पदार्थ के संपर्क में आने से वायरस फैलता है।
इसके लक्षण ?
इसका लक्षण सामान्यता 5 से 14 दिन के बीच पता चल जाता है। परंतु कभी-कभी पता चलने में 45 दिन का समय भी लग जाता है जोकि हानिकारक है।
इसमें सर दर्द, बुखार ,उल्टी ,गले में खराश ,मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना, बेहोशी ,सांस लेने में तकलीफ, मानसिक परेशानी, मस्तिक एवं हृदय की पेशियों में सूजन जैसी परेशानी, चमकी बुखार और निमोनिया इसके लक्षण है। और कभी कभी ज्यादा गंभीर होने पर संक्रमित व्यक्ति कोमा में भी चला जाता है ।
इससे बचाव के उपाय :-
अभी तक इससे बचाव के लिए किसी भी प्रकार के वैक्सीन या दवाई नहीं बनी है। इसमें एंटीवायरस दवाइयों का उपयोग किया जाता है ।
note :- राहत की बात यह है कि जून 2021 में यह पता चला है कि महाराष्ट्र के महाबलेश्वर के एक गुफा में चमगादड़ में ही निपाह वायरस का एंटीबॉडी पाया गया है।
वैसे स्थानों से जहां चमगादड़ रहते हो या काफी अंधेरे वाले स्थानों से दूर रहें।
खजूर के पेड़ के समीप वाले जल स्रोतों से पानी का सेवन ना करें। क्योंकि खजूर के पेड़ों पर चमगादड़ होते हैं ।
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें उनसे मिलने जाने पर मास्क ,दस्ताने आदि पहन कर जाए
मास्क का प्रयोग करें क्योंकि यह वायरस हवा से भी फैलता है।
चमगादड़ से प्रभावित क्षेत्रों में ताड़ी का सेवन ना करें।
बाहर से आने पर अच्छी तरह से हाथ मुंह को धोएं।
सूअर का मांस खाना बंद करें तथा सूअर से बने उत्पाद का उपयोग करना बंद कर दे ।
1998 से लेकर अब तक वायरस मलेशिया, सिंगापुर ,बांग्लादेश ,भारत समेत ऑस्ट्रेलिया ,मेडागास्कर, चाइना पपुआ न्यू गिनी, नेपाल ,भूटान फिलीपींस, ताइवान ,वियतनाम समेत कई देशों में फैल चुका है। दुनिया भर के सरकारों को इससे गंभीरता से लेना चाहिए। ताकि इस वायरस को राष्ट्रीय या वैश्विक स्तर पर महामारी बनने से पूर्व समाप्त किया जा सके।