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अग्नि-5 (Agni- V) मिसाइल क्या है, इसकी मारक क्षमता, परीक्षण, इसकी खास बातें ?|अग्नि 5 मिसाइल पर दुश्मन देश और विश्व की प्रतिक्रिया क्या है ?

किसी भी देश के सैन्य मजबूती के लिए उस उस देश के सेना के पास तेज एवं दूर तक मार करने वाली मिसाइलों का होना बहुत ही आवश्यक है। भारत मिसाइल के क्षेत्र में काफी संपन्न है। भारत के पास एक से एक मिसाइल है।

ऐसी ही एक मिसाइल की श्रृंखला है अग्नि मिसाइल । अग्नि मिसाइल श्रृंखला का ही एक मिसाइल अग्नि-5 को भारत जल्द ही परीक्षण करने जा रहा है। अग्नि-5 एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) है । जिसका जल्द ही परीक्षण होने की संभावना है ।

अग्नि-5 मिसाइल क्या है :-

इस ICBM (Intercontinental ballistic missile) को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ( DRDO) ने विकसित किया है।
यह इसका आठवां परीक्षण है, इसका पहला परीक्षण 2012 में किया गया तथा सातवां परीक्षण 2018 में किया गया। इस परीक्षण के साथ इसे भारतीय सेना को सौंप दिया जाएगा। अग्नि-5 की मारक क्षमता 5000 से लेकर 8000 किलोमीटर तक है। इसका वजन 50000 किलोग्राम है, इसकी लंबाई 17.5 मीटर और इसका स्पीड आवाज की गति से 24 ( 8.16 km/sec) गुना अधिक है। यह अपने साथ 1500 किलोग्राम के न्यूक्लियर हथियार ले जा सकता है। इसका परीक्षण 2020 में होने वाला था, परंतु covid- 19 के कारण इसे टाल दिया गया । इसके परीक्षण 23 सितंबर को होने को लेकर खबर आई थी, परंतु DRDO ने इसे गलत बताया।

अग्नि-5 की अहम बातें :-

◆ यह मिसाइल MIRV ( Multiple Independently targetable reentry vehicle) पर काम करेगा, यानी यह अपने साथ कई सारा हथियार लेकर जा सकता है और एक साथ कई सारे स्थान पर निशाना लगा सकता है।

◆ यह एक साथ करीबन 10 स्थान पर निशाना लगा सकता है, जिस कारण से दुश्मन के डिफेंस सिस्टम को इसे नष्ट करना मुश्किल होगा।

◆ एक इसमें कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है इसलिए इसे परिवहन करना काफी आसान है ,इसे ट्रक पर लोड करके किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है और मोबाइल लांचर की सहायता से कहीं से भी लांच किया जा सकता है।

कैनिस्टर (Canister) तकनीक यह एक तरह का मिसाइल कवर है जो कि मिसाइल को परिवहन के दौरान झटके और उच्च ताप ,उच्च ठंड से बचाता है।

◆ यह एक तरह का दागो और भूल जाओ मिसाइल है । इसे एक बार लांच करने के बाद रोका नहीं जा सकता है। इसमें गाइडेंस के लिए रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेवीगेशन सिस्टम, GPS, navlC मिसाइल गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है।

◆ इसके मारक क्षमता में पूरे चीन ,पाकिस्तान ,रूस, यूरोप एवं अफ्रीका के कई सारे देश शामिल होंगे ।

◆ परीक्षण के पश्चात इसे SFC को सौंप दिया जाएगा।

SFC :- सामरिक बल कमान ( strategic forces command) यह NCAके अंतर्गत काम करता है, इसका काम परमाणु हथियारों के प्रबंधन और संचालन का है।

NCA :- ( Nuclear command authority) इसका काम भारतीय परमाणु हथियार कार्यक्रम से संबंधित निर्णय एवं नियंत्रण है ।
इसका राजनीतिक प्रमुख प्रधानमंत्री तथा कार्यपालिका प्रधान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होते हैं। SFC, NCA का स्थापना 2003 में हुआ था।

चीन और पाकिस्तान के पास इस तरह के हथियार :-

चीन अपने पास अधिक उन्नत और ज्यादा दूरी तक मार करने वाले हथियार होने का दावा करता है, उसके पास df- 31 इसकी क्षमता 8000 किलोमीटर तथा df-41 क्षमता 12000 किलोमीटर की मिसाइल है और पाकिस्तान के पास गौरी 2 मारक क्षमता 2300 किलोमीटर, शाहिन 2 मारक क्षमता 2500 किलोमीटर और शाहीन 3 जिस पर अभी काम चल रहा है, मारक क्षमता 2700 किलोमीटर की मिसाइल हैं ।

Integrated Guided missile Development Program :-


एकीकृत मार्गदर्शक मिसाइल विकास कार्यक्रम भारत को मिसाइल क्षेत्र में शक्ति प्राप्त करने के लिए 1983 में एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में आरंभ किया गया। इसके अंतर्गत 5 तरह के मिसाइलों को बनाया गया,

पृथ्वी :- यह कम दूरी तक मार करने वाली सतह से सतह बैलेस्टिक मिसाइल है।

अग्नि :- इसमें कम, मध्यम और दूर तक मारने वाली कई मिसाइल है। अग्नि 1 – 700 किलोमीटर, अग्नि 2 – 2000 किलोमीटर , अग्नि 3 – 2500 किलोमीटर, अग्नि 4 – 3500 किलोमीटर और अग्नि 5 जिसका अभी परीक्षण किया गया यह एक सतह से सतह मार करने वाली मिसाइल है ।

त्रिशूल :- कम दूरी की सत्तह से हवा में मार करने वाली मिसाइल।

नाग :- यह एक एंटी टैंक मिसाइल है जोकि तीसरी पीढ़ी की मिसाइल है।

आकाश :- यह मध्यम दूरी की सत्तह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।

चीन की प्रतिक्रिया और संयुक्त राष्ट्र :-

चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि दक्षिण एशिया में शांति ,सुरक्षा और स्थिरता के लिए भारत को इस तरह के मिसाइल का परीक्षण नहीं करना चाहिए और भारत को संयुक्त राष्ट्र के नियम को मारना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र के नियम – भारत और पाकिस्तान दोनों ने 1998 में परमाणु परीक्षण किया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में एक नियम पारित किया गया , इसका नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रेजुलेशन (UNSCR -1172) है , इसे सभी 15 ( 5 स्थाई और 10 स्थाई) सदस्य की सहमति से लागू किया गया । जिसमें कहा गया भारत और पाकिस्तान भविष्य में दोनों परमाणु परीक्षण नहीं करेंगे और बैलिस्टिक मिसाइल से संबंधित किसी प्रकार का विस्तार नहीं करेंगे।

चीन इसी नियम को लेकर भारत को बैलेस्टिक मिसाइल के परीक्षण करने से मनाही कर रहा है , परंतु दूसरी तरफ पाकिस्तान के बैलेस्टिक मिसाइल के विस्तार में चीन का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

भारत के संबंध में USA सहित कई अन्य देशों का कहना है कि भारत को बैलेस्टिक मिसाइल से संबंधित प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि भारत एक जिम्मेदार मुल्क है वह मिसाइल का परीक्षण अपनी सुरक्षा के लिए करता है ना की किसी को डराने के लिए या किसी पर हमला करने के लिए करता है।
चीन की यह प्रतिक्रिया और बौखलाहट स्वाभाविक है, क्योंकि अग्नि-5 के मारक क्षमता में पूरा चीन आता है और यह भारत के लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही भारत उन देशों कि सूची में शामिल हो जाएगा जिनके के पास अंतर महाद्वीपीय मिसाइल है ।रूस ,यूएसए, चाइना, यूके, फ्रांस , इजराइल, उत्तरी कोरिया के बाद भारत आठवां देश बन जाएगा।

हम उम्मीद करते हैं, कि अग्नि 5 मिसाइल अपने सभी तरह के परीक्षण को सफल कर जल्दी ही भारतीय सेना में शामिल होगा।

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